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जाँच रिपोर्ट आई..सेंपल पास या फेल स्थिति स्पष्ट नहीं

August 02, 2024

  • खाद्य विभाग ने वास्तविकता जानने के लिए विभाग को लिखे पत्र-मामला कुछ माह पहले जिले की कई दुकानों से लिए गए मसाला नमूनों का

उज्जैन। कुछ माह पहले खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जिले की करीब 30 दुकानों से अलग-अलग मसाला ब्रांड के सैंपल लिए थे। इसकी जाँच रिपोर्ट भी पिछले दिनों लैब से आ गई। परंतु जाँच रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि भेजे गए मसाले के सैंपल पास हुए हैं या फेल? यह जानने के लिए खाद्य विभाग उज्जैन के अधिकारियों ने संबंधित विभागों को पत्र लिखे है।



उल्लेखनीय है कि अप्रैल और मई माह में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने जिले में संचालित हो रही मसालों की कंपनियों पर छापा मारा था। छापे के दौरान 30 दुकानों के अलग-अलग मसालों के 30 उत्पादों के नमूने लेकर जाँच के लिए लैब भेजे गए थे जिनमें से 16 की रिपोर्ट आई है लेकिन रिपोर्ट में मसालों के मानक या अमानक होने की स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय अधिकारी कोई कार्रवाई भी नहीं कर पा रहे हैं। इसके बाद खाद्य विभाग के अधिकारियों ने मुंबई स्थित मुख्यालय को पत्र लिखा हैं। जिसके बाद ही मसालों के सैंपलों की स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी। मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी बसंत दत्त शर्मा ने बताया कि देश के सबसे बड़े ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट मसाले में कीटनाशक पाए जाने की शिकायत के बाद उज्जैन में भी इन कंपनियों के साथ कई लोकल कंपनियों के मसालों के सैंपल भरे गए थे। इसी क्रम में विभाग द्वारा मसाले के कुल 30 सैंपल जाँच के लिए लैब भेजे गए थे। इसमें शहर के 9 सैंपल थे और बाकी सैंपल जिले की अन्य मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट और दुकानों से लिए गए थे। इसमें लगभग 16 सैंपलों की जाँच आ गई है, परंतु सैंपल पास या फेल हुए हैं यह स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। इसी के कारण अब खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जाँच रिपोर्ट की वास्तविकता जानने के लिए मुंबई स्थित खाद्य विभाग को पत्र लिखा है। इसके जवाब के बाद ही उक्त मसालों के मानक और अमानक होने की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। वहीं रिपोर्ट्स आने के बाद ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

मिलावट पर सजा का हैं प्रावधान
बता दें कि मसालों में हानिकारक मिलावट की पुष्टि होने पर सजा का प्रावधान है। इसको लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग सिविल कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराता है। ऐसे में मामलों में दोष सिद्ध होने पर सजा हो सकती है। जबकि मिलावट के कम हानिकारक नहीं होने पर भी जुर्माने का प्रावधान है।

उज्जैन में इन मसालों के लिए गए थे सैंपल
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा पिछले दिनों सैंपलिंग के दौरान उज्जैन के जिन मसाले के सैंपल लिए गए थे। उसमें निधि मसाला, राठौर मसाला, मालवा मसाला, धामेजा मसाला आदि नामक ब्रांड शामिल हैं। विभागीय जाँच के दौरान खाद्य विभाग की टीम ने इन मसालों के उज्जैन के पंवासा स्थित दो कारखानों के साथ बडऩगर स्थित दो अन्य कारखानों पर भी छापा मारा था। फिलहाल इन मसालों की जाँच रिपोर्ट भी स्पष्ट नहीं हो पाई है।

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