नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Central Commerce Minister Piyush Goyal) अगले सप्ताह यानी दिवाली (after Diwali) के बाद अमेरिका (America) में टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Tesla owner Elon Musk) से मुलाकात करेंगे। ऐसी चर्चा है कि यह मुलाकात कार निर्माता टेस्ला (Car manufacturer Tesla) के दक्षिण एशियाई बाजार में प्रवेश करने की योजना को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। यह जानकारी इस मामले से जुड़े दो जानकारों ने दी है। जून में टेस्ला के बॉस की पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद से गोयल और मस्क के बीच की बैठक सबसे हाई-प्रोफाइल बैठक होगी।
सूत्रों ने बताया कि अमेरिका में मस्क और गोयल के बीच चर्चा टेस्ला की एक भारतीय फैक्ट्री स्थापित करने की है, जहां 24,000 डॉलर यानी 20 लाख रुपये की कार बनाने, अधिक कंपोनेंट की सोर्सिंग करने और पूरे देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करने की योजना पर केंद्रित होगी।
भारत जिस नई नीति पर काम कर रहा है उस पर भी चर्चा होने की संभावना है। यह नीति वाहन निर्माताओं को 15% की कम टैक्स रेट पर भारत में पूरी तरह से निर्मित ईवी आयात करने की अनुमति देगा, जो अभी लग रहे 100% से काफी कम है। एक सूत्र ने कहा कि यह बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भारत और टेस्ला के बीच बातचीत “सही दिशा में आगे बढ़ रही है”। हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय और टेस्ला ने इस पर अपना पक्ष रखने के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया है।
कई महीनों से बातचीत कर रहे टेस्ला और भारत
टेस्ला और भारत कई महीनों से बातचीत कर रहे हैं। अमेरिकी कार निर्माता एक कारखाना स्थापित करने के लिए तैयार है, लेकिन अपने कुछ हाई-एंड वाहनों के लिए कम आयात कर प्राप्त करने के लिए भी उत्सुक है। एक तीसरे सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय ने नई ईवी नीति में तेजी लाने के लिए सोमवार को विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठक की।
तीसरे व्यक्ति ने कहा कि सरकार नई नीति का भारतीय ईवी बाजार पर पड़ने वाले प्रभाव का भी विश्लेषण कर रही है, क्योंकि स्थानीय कार निर्माताओं ने अक्सर कहा है कि कम ईवी आयात कर बाजार को बाधित कर सकते हैं और उनकी योजनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्यों हो गई थी 2021 की वार्ता
टेस्ला ने पहली बार 2021 में भारत में एंट्री की कोशिश की। अधिकारियों पर ईवी के लिए 100% आयात कर कम करने का दबाव डाला, लेकिन पिछले साल वार्ता विफल हो गई जब अधिकारियों ने बताया कि कंपनी को पहले स्थानीय विनिर्माण के लिए प्रतिबद्ध होना होगा।
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