श्रीनगर। आतंकवादी समूह (Terrorist Group) द्वारा अपने पाकिस्तानी (Pakistani) सदस्यों की पहचान छिपाने के लिए आधार का दुरुपयोग (Aadhar Abuse) किए जाने के बीच जम्मू कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) ‘बायोमीट्रिक’ पहचान ( Biometric’ Identity) की सुरक्षा विशेषताओं को मजबूत बनाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) Unique Identification Authority of India से अनुरोध करेगी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
पुलिस बल आतंकवादियों द्वारा आधार कार्ड के दुरुपयोग की स्थिति में तुरंत जानकारी प्राप्त करने के लिए एक तंत्र विकसित किए जाने पर भी जोर देगा. श्रीनगर में डल झील से लगे बिशंभर नगर में हाल ही में दो पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने के बाद ‘बायोमीट्रिक आईडी’ (आधार) का दुरुपयोग सामने आया था.
एक अधिकारी ने बताया कि उसके बाद पुलिस ने गहन तलाशी ली और पाया कि आधार नंबर असली थे लेकिन कार्ड पर तस्वीरें ऊपर से लगाई गई थीं. उन्होंने कहा कि असली आधार कार्ड में ‘वेबकैम’ से ली गई तस्वीर होती है. अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्रयास कश्मीर घाटी में आतंकवाद को घरेलू आंदोलन के रूप में पेश करना है.
अधिकारियों ने कहा कि आधार कार्ड के इस तरह के दुरुपयोग से चिंतित जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूआईडीएआई को पत्र लिखकर अधिक सुरक्षा खूबियों जोड़ने के संबंध में अनुरोध करने का फैसला किया है. आधार के गोपनीयता दिशानिर्देश सख्त हैं, जिसके तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियां किसी खास कार्ड की जांच नहीं कर सकतीं.
पुलिस केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर 2019 में हुए हमले के षडयंत्रकारियों में से एक मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ लम्बू के मामले का भी हवाला देगी. वह जिस स्थान पर मुठभेड़ में वह मारा गया था, वहां से एक जाली आधार कार्ड भी बरामद किया गया. अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में आतंकी समूहों के विभिन्न ठिकानों से कई जाली आधार कार्ड मिले हैं.
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