संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक और प्रस्ताव से भारत ने दूरी बना ली है। दरअसल, सुरक्षा परिषद में अमेरिका और आयरलैंड की ओर से प्रतिबंधित किए गए देशों में मानवीय सहायता की छूट देने का प्रस्ताव पास किया गया था। इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत ने यह कहते हुए दूरी बना ली कि भारत के पड़ोसी देश के अलावा ब्लैकलिस्ट किए गए आतंकवादी संगठन इस तरह की छूट का फायदा फंडिंग और सदस्यों की भर्ती के लिए उठा सकते हैं।
क्या कहा गया है प्रस्ताव में?
प्रस्ताव में कहा गया है कि किसी भी देश की मानवीय सहायता के समय फंड व अन्य वित्तीय संपत्तियों के अलावा वस्तुओं और सेवाओं का भुगतान आवश्यक है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए प्रतिबंध समिति ओर संपत्ति फ्रीज का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
भारत ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि इस प्रस्ताव को लेकर हमारी चिंताएं हैं। उन्होंने कहा, आतंकवादी संगठन इस तरह की छूट का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश में आतंकवादी संगठनों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इस परिषद द्वारा ब्लैकलिस्ट किए गए आतंकवादी संगठन भी शामिल हैं, जिन्होंने इस तरह के प्रतिबंधों से बचने के लिए खुद को मानवीय संगठनों और नागरिक समाज संगठन के रूप में पेश किया है। भारत ने इस दौरान प्रस्ताव को लेकर सावधानी बरतने का भी आह्वान किया।
15 में 14 देशों ने पक्ष में किया मतदान
मानवीय सहायता की छूट वाले प्रस्ताव पर 15 में से 14 देशों ने पक्ष में मतदान किया। सिर्फ भारत ही ऐसा देश था, जिसने प्रस्ताव का विरोध किया। शुक्रवार का पेश हुए इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने कहा कि यह प्रस्ताव अनगिनत लोगों के जीवन बचाएगा।
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