नई दिल्ली । पहलगाम हमले(Pahalgam attacks) ने समूचे भारत(All over India) को स्तब्ध कर दिया है। हर कोई इस हमले को करने वाले आतंकियों(Terrorists) को सजा दिलाने के लिए बैचेन है। इसी बीच खबर सामने आई है कि पहलगाम में हुए हमले के मुख्य आरोपी की पहचान पाकिस्तानी नागरिक हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के रूप में हुई है। मूसा पिछले एक साल से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था और वह सुरक्षा बलों और बाहर से आए मजदूरों पर हुए हमलों में शामिल था।
जांच अधिकारियों के मुताबिक यह माना जा रहा है कि मंगलवार को बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला करने के बाद मूसा चार और आतंकवादियों के साथ में पीर पंजाल रेंज के ऊंचे इलाकों में छिपा हुआ है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन चारों अपराधियों की पहचान अली भाई उर्फ तल्हा(पाकिस्तानी), आसिफ फौजी(पाकिस्तानी), आदिल हुसैन थोकर(अनंतनाग) और अहसान(पुलवामा) के रूप में की है। स्थानीय पुलिस ने हमले में जिंदा बचे लोगों की सहायता से इन आतंकवादियों के स्केच बनवाकर जारी किए हैं।
अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ऐसी संभावना है कि मूसा लश्कर ए तैयबा के अलावा घाटी में सक्रिय अन्य पाकिस्तानी समर्थित आतंकी समूहों के साथ काम कर रहा है। एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इसके अलावा फिलहाल कश्मीर घाटी के उन लोगों के सायबरस्पेस की भी जांच की जा रही है, जो पिछले महीनों में गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाने की योजना के लिए एन्क्रिप्टेड एप का इस्तेमाल करके लश्कर और द रेस्टेंस फ्रंट के संपर्क में थे।
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि हमलवारों में से मूसा मुख्य आरोपी है। उसके बारे में और अधिक जानकारी जुटाने के लिए कुछ स्थानीय निवासियों और ओवरग्राउंड वर्करों से पहले ही पूछताछ की जा रही है। इसके लिए पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अधिकतर पूर्व आतंकवादी और ओवरग्राउंड वर्कर हैं। स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, हमने पूछताछ और शुरुआती जांच के बाद ज्यादातर लोगों को रिहा कर दिया है।” इसके साथ-साथ पुलिस ने आतंकवादियों को जानकारी देने वालों को 20 लाख का इनाम देने की घोषणा की है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया की अनंतनाग का रहने वाला थोकर 2018 में पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की तरफ चला गया था। पिछले साल वह अपनी ट्रेनिंग पूरी करके वापस आ गया। इसके साथ ही दो पाकिस्तानी आतंकी भी आए थे, यह दोनों ही पिछले दो साल से कश्मीर में सक्रिय हैं। आपको बता दें पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी, द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है।
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