कराची। पाकिस्तान (Pakistan)के कराची में मौलाना रहीम उल्लाह तारिक की अज्ञात हमलावरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी। रहीमउल्लाह का आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर करीबी था और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा था। उसे उस वक्त मार डाला गया, जब वह एक धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने के लिए कराची (Karachi) के ओरांगी जा रहा था। कराची पुलिस ने इस घटना को टारगेटेड किलिंग बताते हुए आतंकी हरकत करार दिया है। इससे पाकिस्तान का दोहरा रवैया भी उजागर होता है कि कैसे वह आतंकियों (Terrorist) से हमदर्दी रखता है और उनके मारे जाने पर दुखी है।
वहीं भारत के लिए यह राहत की बात है। इस साल यह तीसरी घटना है, जब भारत (India) पर हमलों में शामि रहे किसी आतंकी को मारा गया है। वहीं बीते 7 महीनों में यह छठी ऐसी घटना है, जब किसी जिहादी संगठन के आतंकी या फिर खालिस्तानी को मारा गया है। कुछ दिन पहले ही लश्कर के कमांडर अकरम गाजी को भी अज्ञात हमलावरों ने खैबरपख्तूनख्वा में मार डाला था। उससे पहले जम्मू-कश्मीर के सुजवां में 2018 में हुए आतंकी हमले को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड्स में शुमार ख्वाजा शाहिद को भी किडनैप कर लिया गया था। फिर कुछ दिन बाद उसका सिर कटा हुए शव एलओसी के पास से बरामद हुआ था।
मौलाना रहीमुल्लाह तारिक की हत्या में स्थानीय आतंकियों और वर्चस्व की जंग को वजह माना जा रहा है। कराची पुलिस के सूत्रों का कहना है कि रहीमुल्लाह को हत्यारों ने बेहद करीब से गोलियां मारीं और आसानी से मौके से भाग निकले। साफ है कि उन लोगों को कराची के ओरांगी के बारे में पूरी जानकारी थी। तारिक की मौके पर ही मौत हो गई। सूत्रों का कहना है कि वह भारत और कश्मीर के खिलाफ बोलने के लिए एक आयोजन में जा रहा था। इसी दौरान उसकी हत्या हो गई। उसके अकरम गाजी भी भारत के खिलाफ आतंकियों को भर्ती करने का काम देखता था। उसने 2018 से 2020 के दौरान बड़ी संख्या में लश्कर में आतंकियों को भर्ती किया था।
लश्कर के एक और टॉप कमांडर रियाज अहमद की पीओके के रावलकोट में हत्या हुई थी। वह लश्कर के ऑपरेशन और भर्ती के काम को देखता था। इसके अलावा मई में भारत के वॉन्टेड और खालिस्तानी कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजावर की भी हत्या हो गई थी। पंजावर की उस वक्त गोली मारकर हत्या हुई थी, जब वह लाहौर में सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकला था। इन लोगों के अलावा लश्कर के एक और आतंकी मौलाना जियाउर रहमान और मुफ्ती कैसर की भी हत्याएं हुई हैं।
कब-कब मारे गए भारत के दुश्मन
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