नई दिल्ली (New Dehli) । हाल ही में भारतीय वायु सेना में अत्याधुनिक हेरॉन मार्क 2 ड्रोन के शामिल होने से भारत का आसमान और अधिक सुरक्षित और शक्तिशाली हो गया है. इन अत्याधुनिक ड्रोन ने भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने और बढ़ा दिया है. खास बात यह है कि अब इसे भारतीय सेना ने काम पर भी लगा दिया है. कश्मीर के उन इलाकों में जहां आतंकियों का ठिकाना हुआ करता है. वहां उनको खोजकर निशाना लगाने का काम भी शुरू कर दिया है. आइए समझते हैं कि यह कितना शक्तिशाली है और इससे बचना क्यों मुश्किल है.
एक बार में काम तमाम
लंबी दूरी की मिसाइलों और अत्याधुनिक हथियार सिस्टम से लैस ये ड्रोन हमारी उत्तरी सीमाओं पर सतर्कता के साथ गश्त करने में मदद की दिशा में एक कदम है. हेरॉन मार्क 2 ड्रोन में निगरानी करने और एक ही बार में सटीक हमले को अंजाम देने की अविश्वसनीय क्षमता है, जो उसे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक दुर्जेय संपत्ति बनाती है. बता दें भारतीय वायु सेना के पास इस कैटेगरी में चार ड्रोन उपलब्ध हैं.
36 घंटों तक लगातर नजर बनाए रखने की क्षमता
ये ड्रोन लगातार 36 घंटों तक नजर रख सकते हैं. सैटेलाइट से लैस ये ड्रोन न केवल निरंतर उपस्थिति बनाए रख सकते हैं, बल्कि लंबी दूरी से दुश्मन के ठिकानों पर भी हमला कर सकते हैं. इसे 15 किलोमीटर की दूरी से भी ऑपरेट किया जा सकता है. यह हमारे लड़ाकू विमानों को लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करके खतरों को खत्म करने में सक्षम बनाता है, साथ ही ये ड्रोन उन्हें सटीक हमले के लिए मार्गदर्शन भी सुनिश्चित करता है. यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो इससे दूश्मन का बचना नामुमकिन है. यह अपने साथ 250 किलो हथियार लेकर उड़ने की क्षमता रखता है. यानी कभी युद्ध में गोला बारुद की सप्लाई भी इससे की जा सकती है.
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