श्रीनगर! जम्मूकश्मीर (J&K) के श्रीनगर के डाउन-टाउन (Down-Town of Srinagar) के रैनावारी इलाके में मंगलवार देर रात बाद हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। सुरक्षाबलों को मौके से हथियार आदि बरामद हुए हैं। तो बुधवार को एक और सोपोर जिले में एक सीसीटीवी CCTV फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक महिला हिजाब (female hijab) पहने हुए एक महिला सीआरपीएफ के बंकर पर पेट्रोल बम फेंकती दिख रही है।
बता दें कि इस समय जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में महिलाओं की भी सक्रियता बढ़ती नजर आ रही है। सोपोर जिले में एक CCTV फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें आतंकी महिला हिजाब पहने हुए है। देखते देखते उसने अपने बैंग से अचानक पेट्रोल बम निकालकर फेंकती नजर आ रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आतंकी गतिविधियों में महिलाओं के भी शामिल होने के सबूत मिलने की बात सामने आई है। हालांकि अब तक महिला की पहचान सामने नहीं आई है। यह भी पता नहीं चल सका है कि वह किस संगठन से जुड़ी हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है
मीडिया खबरों की मानो जम्मू-कश्मीर में दुख्तरान-ए-मिल्लत नाम का एक एक महिला संगठन भी है, जो कश्मीर में इस्लामी कानून स्थापित करने और जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए जिहाद की वकालत करता है। इसकी स्थापना 1987 में हुई थी, और इसकी लीडर आसिया अंद्राबी है। अंद्राबी व उसकी सहयोगी फहमीदा सोफीसोपोर में हिजाब वाली आतंकी इस समय तिहाड़ जेल में हैं।
Advantages of Hijab .
Today a Burqa Clad woman throws a petrol bomb on CRPF camp at Sopore . #Shame . pic.twitter.com/Zn3GgOfDXN
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) March 29, 2022
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही श्रीनगर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घटना में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकियों की पहचान पहचान रईस अहमद भट और बिजबेहरा के हिलाल आह राह के रूप में हुई थी। रईस अहमद वैली मीडिया सर्विस नाम से न्यूज एजेंसी चलाता था। वहीं हिलाल सी कैटेगरी का आतंकी था। महिला की ओर से पेट्रोल बम फेंके जाने के बाद हिजाब को लेकर भी बहस तेज हो गई है। हाल ही में कर्नाटक में इसे लेकर विवाद छिड़ गया था, जिस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि स्कूलों एवं कॉलेजों में छात्राओं को यूनिफॉर्म के नियम मानने होंगे और उन्हें हिजाब पहनने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
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