वॉशिंगटन। अमेरिका में सक्रिय खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने एक बार फिर से भारत के खिलाफ नापाक साजिश रची है। इस आतंकी संगठन ने ऐलान किया है कि अगर कोई 15 अगस्त के दिन लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराता है तो उसे 125,000 डॉलर का इनाम दिया जाएगा। सिख फॉर जस्टिस के इस ऐलान के बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है।
सिख फॉर जस्टिस के सुप्रीमो गुरपतवंत सिंह पन्नून ने एक बयान जारी करके दावा किया कि 15 अगस्त सिखों के लिए स्वतंत्रता दिवस नहीं है। उसने कहा कि यह उन्हें 1947 में बंटवारे के समय हुई त्रासदी की याद दिलाता है। उसने कहा, ‘ हमारे लिए कुछ भी नहीं बदला है। बदले हैं तो केवल शासक। हम अभी भी भारतीय संविधान में हिंदू के रूप में दर्ज हैं और पंजाब के संसाधनों का इस्तेमाल अन्यायपूर्ण तरीके से अन्य राज्यों के लिए किया जा रहा है। हमें वास्तविक स्वतंत्रता की जरूरत है।’
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पर पिछले 2 महीने से कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। सिंह और उसके साथियों के खिलाफ 6 एफआईआर दर्ज की गई है। वह पिछले काफी समय से कोरोना संकट के बीच राजनीतिक जनमत संग्रह कराने की मांग कर रहा है। वह फोन करके और मेल करके सिख समुदाय के लिए अलग राज्य बनाए जाने की मांग कर रहा है।
आतंकी गुरपतवंत सिंह का दावा है कि यह मानवाधिकारों के वैश्विक घोषणापत्र के तहत कानूनी है। उसकी चेतावनी के बाद भारत की राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक उसके मेल की जांच की जा रही है। इस धमकी के खिलाफ उस पर जल्द ही केस दर्ज हो सकता है। इसी संगठन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह जनमत संग्रह के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, इटली, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भारतीय दूतावास के बाहर वोटर पंजीकरण शिविर आयोजित करना चाहता है। भारतीय गृह मंत्रालय ने इस संगठन पर वर्ष 2019 में बैन लगा दिया था।
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