नई दिल्ली। लश्कर-ए-तैयबा (LET) के टॉप कमांडर अब्दुल सलाम भुट्टावी की सोमवार की रात पाकिस्तान की जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उसने 2008 में 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। भुट्टावी को 2012 में यूनाइटेड नेशंस ने आतंकी घोषित किया था। इसके कई साल बाद उसे गिरफ्तार किया गया। अगस्त 2020 में लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की के साथ एक आतंक वित्तपोषण मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे 16 साल की सजा सुनाई गई थी।
2002 और 2008 में हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने पर भुट्टावी ने कार्यवाहक प्रमुख के तौर पर लश्कर-ए-तैयबा का संचालन किया था। उसकी मौत की घोषणा सोमवार की देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की। जानकारी के अनुसार, भुट्टावी की सोमवार दोपहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखपुरा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। लश्कर के फ्रंट संगठनों ने कथित तौर पर 78 वर्षीय भुट्टावी के अंतिम संस्कार को दिखाने वाला एक वीडियो भी जारी किया, जो मंगलवार सुबह लाहौर के पास मुरीदके में आतंकी समूह के ‘मरकज’ में आयोजित किया गया था। भारतीय खुफिया अधिकारियों ने भी मौत की पुष्टि की है, लेकिन कहा कि आगे की जानकारी तत्काल उपलब्ध नहीं है।
नवंबर 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में ताज होटल समेत कई स्थानों पर हमले किए थे। जिसमें अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कई देशों के नागरिकों सहित कुल 166 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। सितंबर 2011 में जब अमेरिकी राजकोष विभाग ने भुट्टावी पर प्रतिबंध लगाया तो उसने कहा कि वह 20 वर्षों के लिए धन उगाहने, भर्ती करने और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों को शिक्षित करने के लिए जिम्मेदार था।
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