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आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा के पंजीकरण में भारी गिरावट, उधमपुर में चार दिन में हुए मात्र 13 पंजीयन

  • April 26, 2025

    जम्मू । पहलगाम (Pahalgam) में पर्यटकों की हत्या के बाद श्री अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के लिए पंजीकरण (Registration) कराने वालों की संख्या में भारी कमी आई है। उधमपुर में जम्मू-कश्मीर बैंक की मुख्य शाखा में बनाए गए काउंटर पर इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही पंजीकरण के लिए पहुंच रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद से उधमपुर में चार दिन में मात्र 13 लोगों ने ही पंजीकरण कराया है।

    जबकि इससे पहले हर रोज 60 से 70 लोग पंजीकरण कराने पहुंच रहे थे। 15 अप्रैल से शुरू हुई इस प्रक्रिया में जिला उधमपुर से 441 लोग अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इनमें 145 महिला और 296 पुरुष शामिल हैं। इनमें से 220 का पहलगाम रूट और 221 का बालटाल रूट से पंजीकरण हुआ है। पहलगाम हमले से पहले पंजीकरण के लिए लोगों की भीड़ लगना शुरू हो गई थी लेकिन हमले के बाद अब यह काउंटर ज्यादातर समय खाली नजर आ रहा है।

    वहीं, शुक्रवार को काउंटर पर पंजीकरण कराए पहुंचे अरुण शर्मा, नेहा देवी, आदित्य डोगरा और अंजलि शर्मा ने कहा कि बाबा बर्फानी का बुलावा आया है तो जाने से कोई रोक नहीं सकता। मन में कोई डर नहीं हैं और न किसी तरह की चिंता है। पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद कुछ देर के लिए मन में यात्रा की योजना को रद्द करने का विचार आया था लेकिन सरकार की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई ने विचार बदल दिया है।

    पहलगाम पर विपक्ष की ओर से राजनीति भी शुरू
    जम्मू-कश्मीर में अतीत में हुए आतंकी हमलों के बाद सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के सबूत मांगकर देश में अपनी भद पिटवाने वाले विपक्षी दलों ने पहलगाम हमले के बाद बेहद संयमित रूप से शुरुआती प्रतिक्रिया दी। लेकिन घटना के तीन दिन बाद लगता है अब विपक्ष का धैर्य चूकने लगा है और कांग्रेस व सपा जैसे दलों ने हमले के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है।


    कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया खाते से शुक्रवार को सीधे-सीधे सरकार पर हमला बोला गया और गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग भी की गई। इस पोस्ट में लिखा गया है, पहलगाम पहलगाम आतंकी हमला कई सवाल खड़े करता है। सवाल ये है कि सुरक्षा में चूक कैसे हुई और इंटेलिजेंस कैसे फेल हो गया। यह सवाल भी उठता है कि आतंकी बॉर्डर के अंदर कैसे आए?

    पार्टी ने सीधे-सीधे पूछा कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन है, क्या जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे या क्या पीएम नरेंद्र मोदी इस चूक की जिम्मेदारी लेंगे। दरअसल बृहस्पतिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने जब सुरक्षा चूक का सवाल उठाया तो गृहमंत्री अमित शाह ने चूक मानते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो हम सभी लोग आज यहां नहीं बैठे होते।

    इसके बाद से ही विपक्ष ने सुरक्षा चूक को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सर्वदलीय बैठक के अगले दिन मैनपुरी में सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मीडिया के सामने कहा, सबसे बड़ी चूक ये है कि सरकार को इंटेलीजेंस से इसकी सूचना नहीं मिल पाई। सवाल यह है कि इतनी बड़ी घटना हुई कैसे? अखिलेश ने यह भी कहा कि देश का बच्चा-बच्चा जान गया है कि यह बहुत बड़ी सुरक्षा चूक है।

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