नई दिल्ली। लक्ष्मीगर से गिरफ्तार मोहम्मद अशरफ (Terrorist Ashraf) ने पुलिस को शुरुआती पूछताछ में बताया कि वह मूल रूप से पाकिस्तानी पंजाब के नरोवाल का निवासी है। वह भारत में सक्रिय स्लीपर सेल का सरगना (leader of sleeper cell) है। आईएसआई (ISI) ने उसे त्योहारी सीजन के दौरान आतंकी वारदात का जिम्मा (responsibility of terrorist incident in India) सौंपा था। वह यहां मोहम्मद अशरफ अली अहमद नूरी पुत्र नूर अहमद, निवासी शास्त्री पार्क, दिल्ली के नकली पहचान पर रह रहा था।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, आईएसआई ने अशरफ को सीधे भर्ती किया था। वर्ष 2004 में पाकिस्तान के सियालकोट में आईएसआई के हैंडलर कोड नाम नासिर से छह महीने की आतंकी ट्रेनिंग ली थी। नासिर ने उसे भारत में तोड़फोड़ की गतिविधियां चलाने में मदद के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम करने के लिए भेजा था। कोलकाता से वह पहले अजमेर पहुंचा।
वहां की एक मस्जिद के मौलवी से दोस्ती कर ली। वर्ष 2006 में वह उस मौलवी के साथ दिल्ली आया और पुरानी दिल्ली में मौलवी के एक रिश्तेदार के कारखाने में गया। इसके बाद वह उस इलाके में कारखानों में नौकरी करने लगा। वह मौलवी के अन्य रिश्तेदारों से भी मिला और उनका विश्वास जीत लिया। वह देश में रहने के दौरान एक ही जगह ज्यादा दिन नहीं रहता था। जल्दी ही वह अपना ठिकाना बदल लेता था। पुलिस ने बताया कि मोहम्मद अशरफ करीब 10 पहले फर्जी पहचान पत्र बनवाने के बाद से पांच-छह जगह रह चुका है।
हाल ही में पाकिस्तानी हैंडलर ने उसे त्योहारों के मौसम में आतंकी हमले करने का काम सौंपा था। उससे बरामद हथियारों और गोला-बारूद का इंतजाम भी पाकिस्तानी हैंडलर ने कराया था। उसकी साजिश लोन वुल्फ अटैक (अकेले आतंकी का भीड़ वाली जगह पर हमला) की थी।
आतंकी के कब्जे से बरामद सामान
दो मैगजीन और 60 कारतूसों के साथ एके-47, 50 कारतूस के साथ दो अत्याधुनिक पिस्टल और एक हथगोला। उससे दो मोबाइल फोन, फर्जी आईडी और पासपोर्ट भी बरामद किए गए हैं।
विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ मामला
पुलिस ने मोहम्मद अशरफ के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
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