जबलपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां करोड़ों रुपए खर्च कर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य को लेकर लगातार कवायद की जा रही है। वहीं इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ इंसान कम बल्कि जानवर ज्यादा लेते दिखाई दे रहे हैं। यह हम नहीं कहते स्वयं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के हालात बयान करते हैं जबलपुर स्थित शाहपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भीतर जब आप प्रवेश करेंगे तो पाएंगे यहां पर सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ आवारा स्वान उठा रहे हैं। मरीजों की जगह बिस्तर पर लेटे इंसानों को देखकर यहां के हालात आप स्वयं बेहतर समझ सकते हैं। वही इन आवारा स्वानों की आवाजाही से मरीजों की जान सांसत में पड़ी रहती है। यहां पर इलाज कराने आने वालों को सबसे ज्यादा डर इन आवारा श्वानों के काटने का रहता है।
अग्निबाण के पाठक द्वारा स्वयं इस बदहाल व्यवस्था का एक वीडियो बनाकर हमें भेजा गया जिसमें स्पष्ट देखा जा रहा है कि यहां पर मरीजों के लिए उपलब्ध बेड पर यह आवारा श्वान आराम फरमा रहे हैं। वही प्रबंधन नदारद दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं यहां मौजूद हालातों को देखकर ही स्पष्ट समझा जा सकता है कि यहां पर मौजूद कर्मियों द्वारा अपने कर्तव्य के पालन को लेकर किस हद तक ईमानदारी बरती जा रही है।
नवजात शिशुओं को ज्यादा खतरा
अभी हाल ही में कई ऐसी खबरें सामने आई है जिसमें आवारा स्वान के द्वारा नवजात शिशुओं पर हमला किया जा चुका है, जिसके चलते यहां पर आने वाली प्रसूताओं में भय व्याप्त रहता है। वही इन हालातों के चलते कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।
डरे सहमे रहते है मरीज
शाहपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद इन अव्यवस्थाओं को लेकर यहां पर आने वाले मरीज भी डरे सहमे रहते हैं। इन आवारा कुत्तों के द्वारा कई बार मरीजों पर हमला भी किया जा चुका है। लोगों का कहना है कि अगर इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दूसरे मर्ज का इलाज करानेयहां पर पहुंचेतो कंप्लीमेंट्री में रेबीज के इंजेक्शन भी लगवाने पढ़ते हैं। क्योंकि यहां मौजूद आवारा श्वान इतनी खूंखार हो चले हैं कि मरीजों को खाते देखते ही उन पर हमला कर देते हैं और अगर अपना खाना इंसानों को कोई ना दे तो वह उसे काट कर घायल भी करने से नहीं चूकते।
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