वॉशिंगटन। सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए हमले को लेकर ईरान बौखलाया हुआ है। इस हमले के लिए ईरान ने इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया है। अपने दूतावास पर हुए हमले की जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने इस्राइल पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन हमले किए। ईरान की तरफ से किए गए मिसाइल हमलों से इस्राइल का माहौल गरमाया हुआ है। पलटवार करते हुए इस्राइल ने भी गुरुवार देर रात ईरान में मिसाइल हमला कर दिया।
ईरान की स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस्फहान शहर के हवाईअड्डे पर विस्फोट की आवाज सुनाई दी, लेकिन इसमें अभी तक किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं दी गई है। बता दें कि कई परमाणु स्थल इस्फहान में ही स्थित है। हमले के बाद कई उड़ानोे को ईरानी हवाई क्षेत्र में डायवर्ट किया गया।
13 अप्रैल को ईरान की तरफ से पहली बार इस्राइली क्षेत्र में मिसाइलें दागी गईं। हालांकि, अधिकतर मिसाइलों को इस्राइल के बाहर ही मार गिराया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बताया था कि मध्यपूर्व क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति है। इसका हवाला देते हुए ईरान ने गुरुवार को परिषद में कहा, हमारे खिलाफ कोई भी कदम उठाने से पहले इस्राइल को दस बार सोचना चाहिए।
ईरान के हमले के बाद इस्राइल ने कहा कि वह इसका जवाबी कार्रवाई करेगा। विष्लेषकों और पर्यवेक्षकों को इस बात कि चिंता है कि इस्राइल-गाजा संघर्ष अब पूरे क्षेत्र में फैल रहा है। बता दें कि पिछले साल अक्तूबर में गाजा के आतंकियों ने इस्राइल पर हवाई हमला किया था। इस हमले में इस्राइल के 1200 लोगों की मौत हो गई थी।
इस्राइली सुरक्षा बल ने पलटवार करते हुए गाजा में हमला कर दिया, जिसमें अबतक 33,000 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है। बता दें कि इस्राइल-गाजा संघर्ष में ईरान समर्थित संगठन फलस्तीनी का समर्थन करते हैं। वे लेबनान, यमन और इराक से इस्राइल में लगातार हमले करा रहे हैं।
कैसे शुरू हुआ इस्राइल-ईरान संघर्ष
एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इससे दूतावास का एक खंड पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। इस हमले का ईरान इस्राइल पर आरोप लगा रहा है। साथ ही उसने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थी।
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