नई दिल्ली: ईरान (Iran) की ओर से मिसाइल से हमले के बाद मध्य पूर्व में तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है. हमले के बाद भारत समेत कई देशों ने संयम बरतने का अनुरोध किया है. इस बीच बड़े घटनाक्रम में इजराइल के विदेश मंत्री (foreign minister of israel) ने संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंतोनियो गुटेरेस पर उनके देश के खिलाफ पूर्वाग्रह रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनके इजराइल में घुसने पर रोक लगा रहे हैं.
इजराइल और संयुक्त राष्ट्र के बीच पहले से ही गतिरोध बना हुआ था. लेकिन अब विदेश मंत्री के एंट्री पर बैन से जुड़े बयान ने दोनों के संबंधों के बीच खटास बढ़ा दी है. विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि वह यूएन महासचिव गुटेरेस को अवांछित व्यक्ति घोषित कर रहे हैं. साथ ही उन्हें इजराइल में प्रवेश करने से रोका जाएगा.
इजराइल की ओर से यह पाबंदी इसलिए लगाई गई है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने ईरान की ओर से इजराइल पर किए गए बड़े मिसाइल हमले की स्पष्ट रूप से निंदा नहीं की है. तेल अवीव के इस ऐलान से इजराइल और संयुक्त राष्ट्र के बीच पहले से बरकरार गतिरोध और बढ़ गया है.
हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मध्य पूर्व क्षेत्र में बढ़ते तनाव की निंदा की, हालांकि इसमें उन्होंने किसी भी देश का जिक्र नहीं किया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “मैं मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष की निंदा करता हूं. इसे अवश्य रोका जाना चाहिए. हमें निश्चित तौर पर युद्ध विराम की आवश्यकता है.” हालांकि एक दिन पहले ईरान की ओर से रात में किए गए अचानक हमले को इजराइल ने अपने मजबूत आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्टम और वहां मौजूद यूएस नौसैनिक विध्वंसक जहाजों की मदद से काफी हद तक रोकने में कामयाबी हासिल की.
तेहरान की ओर से यह हमला पिछले महीने की 27 सितंबर को ईरान समर्थित लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के नेता रहे हसन नसरल्ला की इजराइली हमले में मौत के बाद किया गया है. हालांकि हिजबुल्लाह की ओर से गाजा में जंग छिड़ने की शुरुआत से ही उत्तरी इजराइल पर लगातार रॉकेट दागा जा रहा है. गाजा पट्टी में यह जंग हमास और अन्य आतंकवादी गुटों की ओर से पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल की सीमा में घुसकर पर हमला करने के बाद शुरू हुई थी. उस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे.
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