अमरावती: त्रिपुरा (Tripura) में हिंसा की अफवाह को लेकर 2 हफ्ते बाद शुक्रवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के 3 शहर अमरावती (Amaravati), नांदेड़ (Nanded) और मालेगांव (Malegaon) में हिंसा-आगजनी और तोड़फोड़ हुई. पुलिस और उपद्रवियों के बीच भी झड़प हुई. जिसके विरोध में कल (शनिवार को) बीजेपी (BJP) ने अमरावती में बंद बुलाया था. इसी दौरान एक दुकान को खुली देखकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उसमें तोड़फोड़ शुरू कर दी. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया. अमरावती में 4 दिन का कर्फ्यू लगा है. इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. फिलहाल पुलिस का दावा है कि अभी मालेगांव और नांदेड़ दोनों जगहों पर हालात तनावपूर्ण लेकिन कंट्रोल में है.
अमरावती में लगातार बना हुआ है तनाव
त्रिपुरा हिंसा के विरोध में लगातार दूसरे दिन भी महाराष्ट्र के अमरावती में तनाव रहा. अमरावती में दोबारा तोड़फोड़ के साथ दुकानों में भी आग लगा दी गई. आज बीजेपी ने अमरावती में ग्रामीण इलाके में बंद का ऐलान किया है. सवाल ये है कि आखिर त्रिपुरा के नाम पर अमरावती को जलाने की साजिश कौन कर रहा है?
इंटरनेट की सेवा 4 दिन के लिए बंद
बता दें कि लगातार दूसरे दिन अमरावती में पथराव-तोड़फोड़ की घटना हुई और दुकानों में आग लगाई गई. शनिवार को अमरावती में हिंदू संगठनों ने बंद बुलाया था. ये बंद शुक्रवार को कट्टरपंथियों की ओर से हुई हिंसा के विरोध में बुलाया गया था. हालांकि मालेगांव और नांदेड़ में शांति बरकरार है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अमरावती शहर में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाओं को 4 दिन के लिए बंद कर दिया गया है. महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे का कहना है कि अगर जरूरत पड़ेगी तो हम ज्यादा फोर्स का इस्तेमाल करेंगे.
रजा एकेडमी पर लगे आरोप
बीजेपी ने महाराष्ट्र की इस्लामिक संस्था रजा अकादमी पर दंगे भड़काने का आरोप लगाया है, उसके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है. नासिक के एसपी सचिन पाटिल ने कहा कि हमने अब तक पांच FIR दर्ज की हैं, जिसमें रजा एकेडमी और दूसरे आयोजकों सहित तोड-फोड़ करने वाले भी शामिल हैं. इस मामले में अब तक 10 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं.
भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि ये महाराष्ट्र में रहने वाले हिंदुओं को डराने की कोशिश की जा रही है उनके ऊपर दबाव डालने की कोशिश की जा रही है और महाराष्ट्र सरकार उनको पूरी तरीके से प्रोटेक्शन दे रही है. त्रिपुरा में जो कुछ हुआ ही नहीं उसके ऊपर ये लोग इस तरीके से मोर्चे निकाल रहे हैं और सिर्फ हिंदुओं पर ही अटैक हो रहा है. हिंदुओं के ऊपर ही दबाव डाला जा रहा है तो इसका और क्या सिग्नल है? वो ये बताना चाहते हैं कि महाराष्ट्र में रहना है तो हिंदुओं को डर कर रहना पड़ेगा.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक, कट्टरपंथी शुक्रवार को बंद के नाम पर धर्म देखकर दुकानों में तोड़-फोड़ कर रहे थे. वहीं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि जिस तरह से त्रिपुरा में हिंसा हुई और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की किताब को लेकर देशभर में लोगों ने विरोध दर्शाने के लिए बंद का आह्वान किया था. महाराष्ट्र में भी बंद बुलाया गया लेकिन बंद के बाद तीन जगह पर हिंसा भड़की. कुछ पथराव हुए और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया है. बड़ा सवाल है क्या ये पूरी हिंसा एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी. आखिर कैसे त्रिपुरा से 2,500 किलोमीटर दूर अमरावती इस तरीके से सुलग गया.
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