चार ने घेरकर हमला किया था, तीन को पूर्व में हो चुकी सजा
इन्दौर। आफिस (Office) से घर लौट रहे युवक पर बिना किसी विवाद के रात में जानलेवा हमला करने के आरोपी को दोषी पाते हुए 11वें अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश शर्मा की कोर्ट ने धारा 307/34 आईपीसी (IPC) के तहत दोषी पाते हुए दस वर्ष के सश्रम कारावास और दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। कुल चार आरोपियों ने घेरकर यह हमला किया था, जिनमें से तीन को पूर्व में सजा हो चुकी है।
सजा पाने वाले आरोपी का नाम पवन पिता रामचंद्र निवासी अर्जुनपुरा झोपड़पट्टी है। कोर्ट (Court) ने अपने आदेश में उल्लेखित किया है कि अभिलेख से यह प्रकट होता है कि आहत सुनील उर्फ सोनू का अभियुक्त से कोई पूर्व परिचय नहीं है और न ही दोनों के बीच कोई पूर्व रंजिश या वैमनस्यता सामने आई है। ऐसा प्रतीत होता है कि अभियुक्त ने बिना किसी कारण के यह वारदात की। इस प्रकार के कृत्यों को एक सभ्य समाज में स्वीकारा नहीं जा सकता है। इसलिए अभियुक्त उदारता बरते जाने का पात्र नहीं है। कोर्ट ने जुर्माने की पूरी राशि आहत सुनील को बतौर प्रतिकर दिलाई के आदेश दिए।
यह थी घटना
सुनील उर्फ सोनू 18 अप्रैल 2016 की रात करीब 11 बजे अपने आफिस से घर जा रहा था। इसी दौरान महूनाका चौराहे पर आरोपियों ने अपनी एक्टिवा और मोटरसाइकिल उसके सामने खड़ी कर दी और उस पर चाकू से कई वार कर गंभीर घायल कर दिया। इस केस में बाकी दो आरोपियों चेतन पिता मुन्नालाल यादव निवासी 25/2, चंद्रभागा और संदीप पिता रमेश राठौर निवासी-22, जोशी मोहल्ला को 20 दिसंबर 2023 और मौसम उर्फ लखन पिता पढरीनाथ मराठा निवासी महावर नगर को 10 जनवरी 2014 को दोषी पाकर 10-10 साल के सश्रम कारावास और दस-दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई जा चुकी है।
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