इंदौर। अभी तो शहरभर में छोटे-बड़े एक हजार से अधिक गरबा पांडाल बने हैं, माता की प्रतिमा स्थापना के साथ गरबों की धूम शुरू हो गई। वहीं रावण निर्माण भी शुरू हो गया और साथ ही इसी महीने की 24 अक्टूबर को दीपावली आ रही है, जिसके चलते प्रशासन पटाखों के थोक स्थायी व अस्थायी लाइसेंस दे रहा है। लगभग एक दर्जन स्थानों पर तीन दिन के लिए अस्थायी पटाखा दुकानें लगेगी, तो लगभग एक महीने तक दो स्थानों पर पटाखों की थोक बड़ी दुकानें लगवाई जाएगी। ऐसी लगभग 100 दुकानें सिलीकॉन सिटी और रीजनल पार्क के सामने लगवाई जा रही है। इनमें पुराने लाइसेंसियों को ही अनुमति दी जा रही है। हालांकि बड़ी संख्या में नए आवेदन भी प्रशासन को मिले हैं।
कुछ वर्ष पूर्व रानीपुरा में पटाखा दुकानों में आग लग गई थी, जिसके चलते यहां के साथ-साथ नवलखा क्षेत्र में स्थित दुकानों को शहर से दूर किया गया। राऊ की तरफ सिलीकॉन सिटी में लगभग 32 बड़ी दुकानें और रीजनल पार्क के सामने के खाली मैदान में 72 दुकानें लगेंगी। शहर की खेरची दुकानों के अलावा आसपास के लोग भी इन बड़ी थोक दुकानों से पटाखे खरीदते हैं और शहर के भी अधिकांश लोग इन दुकानों से पटाखे लाते हैं। लगभग एक महीने तक इन दुकानों को अनुमति दी जाती है। हालांकि दीपावली के चार-पांच दिन पहले ही अधिक भीड़ उमड़ती है।
एडीएम पवन जैन के मुताबिक इन दो स्थानों पर थोक बड़ी दुकानों के अलावा परम्परागत रूप से शहर के एक दर्जन स्थानों पर अस्थायी छोटी पटाखा खेरची दुकानें भी लगवाई जाती हैं। इनको तीन दिन की अनुमति धनतेरस से लेकर दीपावली तक दी जाती है। इनमें अवश्य कुछ नए लाइसेंसियों को मौका दिया जाता है। हालांकि इन दुकानों का आबंटन और अन्य व्यवस्था संबंधित एसडीएम द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में कराई जाती है। आगजनी से लेकर तमाम प्रतिबंधों का पालन भी इन दुकानदारों से कराया जाता है। अस्थायी खेरची दुकानों के मार्केट तो दीपावली के 5-6 दिन पहले ही तैयार होंगे, लेकिन थोक दुकानों अवश्य उसके पहले सीलिकॉन सिटी व रीजनल पार्क के सामने लग जाएगी।
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