नागदा। गुरू की महिमा का गुणगान करना कोई सरल कार्य नहीं है। गुरू वह शक्ति जो अपने शिष्य का कल्याण करने के लिए सदैव तत्पर रहती है। यह हमारे पुण्योदय में कमी है कि आज तक हमने गुरू शक्ति को पहचाने में कभी रूचि ही नहीं दिखाई है।
यह बात जन्म महोत्सव पर जैन कॉलोनी स्थिति शांतिनाथ राजेंद्र सूरी जैैन मंदिर में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वीश्री सूर्यकांताश्रीजी मसा ने कही। उन्होंने कहा कि जिसके जीवन में गुरू की कृपा है। यानी आर्शीवाद है वह शिष्य नित्य नये कीर्तिमान को रचता है। सोमवार को मंदिर का 23वां ध्वजारोहण कार्यक्रम साध्वीश्री सूर्याकांता की निश्रा में आयोजित किया गया। इस मौके पर आचार्य विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी 89वां जन्म महोत्सव कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। ध्वजारोहण कार्यक्रम की शुरूआत साध्वीश्री के मंगलाचरण से हुई। इस दौरान मंदिर परिसर में संगीतमय शक्रस्तव अभिषेक, सत्तर भेदी पूजन, शांति कलश का आयोजन किया गया। तत्पश्चात मंदिर की 23वीं ध्वजारोहण की गई।
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