– मुख्यमंत्री निवास पर हुआ तेलुगु संगमम् कार्यक्रम
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि भारत (India) की अतिथि देवो भव की परंपरा (tradition of Atithi Devo Bhava) रही है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की धरती पर तेलुगु भाई-बहनों का हमेशा स्वागत है। सांस्कृतिक रूप से भारत सदैव एक था, एक है और एक रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। मध्यप्रदेश की विकास दर निरंतर आगे बढ़ रही है। कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार देर शाम मुख्यमंत्री निवास पर “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” योजना में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को साझा करने की पहल तेलुगु संगमम् कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। समारोह में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, तेलुगु संगमम् के संस्थापक पी. मुरलीधर राव, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सासंद वीडी शर्मा, भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, आईवायआर कृष्णाराव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग सहित तेलुगु भाषी भाई-बहन और अन्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से मैं “एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजना” में भारत दर्शन यात्रा में पधारे तेलुगु भाई-बहनों का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और तेलंगाना राज्य में कई समानताएं हैं। मध्यप्रदेश हीरों की खान है। यहां सतपुड़ा, पेंच, कान्हा जैसे कई टाइगर रिजर्व हैं। प्रदेश सड़क, बिजली, सिंचाई सहित अनेक क्षेत्रों में लगातार आगे बढ़ रहा है। यह आपका अपना ही प्रदेश है, अपने आपको कभी अलग नहीं समझना। आत्मीयता और स्नेह से मध्यप्रदेश की धरती पर हमेशा पधारें।
भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजनांतर्गत तेलुगु संगमम् का अभिनव प्रयास किया है। तेलंगाना और मध्यप्रदेश की संस्कृति की अनुभुति इस कार्यक्रम से हो रही है। वास्तव में हमारी संस्कृति एक ही है। हमारी आध्यात्मिक परंपरा हम सबको जोड़ती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में श्रेष्ठ बन रहा है।
तेलुगु संगमम् के संस्थापक पी. मुरलीधर राव ने कहा कि तेलुगु भाई-बहन एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजनांतर्गत भारत दर्शन के लिए निकले हैं। आज तीसरे दिन भोपाल में पहुंचे हैं। यहां आकर ऐसा लगता है कि हम अपने घर में ही हैं। प्रधानमंत्री मोदी की एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजना की पहल सराहनीय है। हम सब एक हैं।
आई.वाय.आर. कृष्णाराव ने कहा कि सांस्कृतिक एकता भारत की पहचान है। भारत ने अपनी सांस्कृतिक एकता की विदेशों में भी अमिट छाप छोड़ी है। मध्य प्रदेश शासन ने सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उज्जैन में श्री महाकाल लोक का निर्माण कराया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत की पहल की है। हम गौरवान्वित हैं कि प्रदेश में तेलुगु भाषी भाई-बहन भारत दर्शन यात्रा में भोपाल पधारे हैं। मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूं।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री चौहान ने पुष्प-वर्षा कर तेलुगु भाषी भाई-बहन का स्वागत किया। देर रात तक चले इस कार्यक्रम में 30 कलाकारों के दल द्वारा तेलुगु नृत्य एवं गायन की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। अतिथियों का स्मृति-चिन्ह और स्टॉल भेंट कर तेलंगाना और मध्यप्रदेश राज्य की कला-संस्कृति अनुसार अभिनंदन किया गया।
उल्लेखनीय है कि संस्था तेलुगू संगम द्वारा आयोजित 7 दिवसीय भारत दर्शन यात्रा ने 15 अप्रैल को तेलंगाना के भाग्यनगर से शुरू हुई थी। इस यात्रा ने सेवाग्राम वर्धा, नागपुर होते हुए 16 अप्रैल को सायं 5.00 बजे बैतूल जिले के मुलताई से मध्य प्रदेश में प्रवेश किया। यहां से मां ताप्ती के दर्शन के उपरांत यात्रा बैतूल रवाना होकर सोमवार को भीमबैठका के शैल चित्रों के अवलोकन एवं भोजपुर के ऐतिहासिक शिव मंदिर के दर्शन करते हुए सायं 6.15 बजे भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पहुंची, जहां भव्य समारोह में यात्रा का स्वागत किया गया।
भोपाल में रात्रि विश्राम के उपरांत यात्रा 18 अप्रैल को प्रातः 8.45 बजे सांची में बौद्ध स्तूपों एवं अन्य स्मारकों का अवलोकन करेगी। सांची से रवाना होकर यात्रा शाम 7.00 बजे यात्रा उज्जैन पहुंचेगी और महाकाल महालोक तथा बाबा महाकाल मंदिर के दर्शन करेगी। अगले दिन 19 अप्रैल को महाकाल मंदिर एवं हरसिद्धि मंदिर के दर्शन के उपरांत यात्रा इंदौर होते हुए महेश्वर के लिए रवाना होगी। दोपहर 3.30 बजे यात्रा महेश्वर पहुंचेगी। मां नर्मदा के दर्शन एवं स्नान के उपरांत यात्रा ओंकारेश्वर के लिए रवाना होगी। रात्रि विश्राम के उपरांत 20 अप्रैल को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के उपरांत यात्रा बुरहानपुर होते हुए महाराष्ट्र के शेगांव पहुंचेगी और गजानन महाराज मंदिर के दर्शन करेगी। 21 अप्रैल यात्रा का अंतिम दिन होगा। इस दिन यात्रा प्रातः 7 बजे रवाना होकर दोपहर 1 बजे नांदेड़ पहुंचेगी, जहां यात्री नांदेड़ साहब गुरुद्वारे के दर्शन करेंगे। इसके उपरांत यात्रा सायं 4.00 बजे हैदराबाद के लिए रवाना हो जाएगी। (एजेंसी, हि.स.)
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