डेस्क: टेलीग्राम वैसे तो वॉट्सऐप की तरह मैसेजिंग ऐप है, लेकिन कई मामलों में ये दूसरे मैसेजिंग ऐप से काफी खतरनाक हो जाता है. आजकल टेलीग्राम पायरेसी का हब बना हुआ है. जो कि किसी टाइम टोरेंट हुआ करता था. एक समय ऐसा था कि टोरेंट पर बॉलीवुड हो या हॉलीवुड की फिल्म. जैसे ही ये फिल्म रिलीज होती थी वैसे ही कुछ घंटों में ऑनलाइन पायरेटेड कॉपी ऑनलाइन लीक हो जाया करती थी. टोरेंट की इस जगह को अब टेलीग्राम ने ले लिया है. टेलीग्राम पर इसकी शिकायत करने पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती है, जिस वजह से पायरेसी की समस्या और भी गंभीर हो गई है.
टेलीग्राम पर लाखों पब्लिक और प्राइवेट ग्रुप्स और चैनल्स हैं, जिनमें अवैध रूप से फिल्में, म्यूजिक, ईबुक्स, सॉफ़्टवेयर, और अन्य कंटेंट शेयर किया जा रहा है. यूजर्स इन ग्रुप्स में शामिल होकर सीधे डाउनलोड लिंक या कंटेंट को स्ट्रीम कर सकते हैं. टेलीग्राम की मजबूत प्राइवेसी पॉलिसी और एनॉनिमिटी की वजह से इसे पायरेसी के लिए एक आदर्श प्लेटफ़ॉर्म बना दिया है. यूज़र्स बिना किसी पहचान के आसानी से पायरेटेड कंटेंट शेयर कर सकते हैं.
टेलीग्राम यूज़र्स को बड़ी फाइल्स भेजने की सुविधा देता है, जिससे पूरी फिल्में और सॉफ़्टवेयर आदि आसानी से शेयर किए जा सकते हैं. टेलीग्राम पर कई बॉट्स उपलब्ध हैं जो ऑटोमैटिकली पायरेटेड कंटेंट की तलाश कर उसे डाउनलोड करने के लिए लिंक प्रदान करते हैं.
टेलीग्राम पर पायरेटेड कंटेंट का उपयोग और वितरण करना अवैध है. इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जेल की सजा और भारी जुर्माना शामिल है, लेकिन पिछले काफी समय से देखा गया है कि टेलीग्राम पर पायरेसी कंटेंट पर कोई खास कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे फिल्म, म्यूजिक, और सॉफ़्टवेयर इंडस्ट्री को भारी नुकसान होता है. इससे क्रिएटर्स को उनकी मेहनत का सही मुआवजा नहीं मिल पाता, जिससे नए प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ता है.
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