नई दिल्ली। कारोबार सुगमता बढ़ाने के लिए दूरसंचार विभाग ने वीसैट, सैटेलाइट टेलीफोनी जैसी सभी अंतरिक्ष सेवाओं के इस्तेमाल पर लगने वाला नेटवर्क परिचालन एवं नियंत्रण केंद्र (एनओसीसी) शुल्क खत्म कर दिया है। इनके लिए दूरसंचार विभाग परमिट जारी करता है।
विभाग ने छह मई के आदेश में कहा, वाणिज्यिक या निजी उपयोग वाली वीसैट सेवाओं, सैटेलाइट फोन सेवा, एनएलडी (नेशनल लॉन्ग डिस्टेंस) के लिए दूरसंचार लाइसेंसधारकों, संयुक्त लाइसेंस अथवा एकल लाइसेंसधारकों से अब अंतरिक्ष खंड का उपयोग करने के बदले एनओसीसी शुल्क नहीं लगेगा। आदेश एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी है। विभाग इससे पहले तक 36 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए प्रति ट्रांसपोंडर सालाना 21 लाख रुपये एनओसीसी शुल्क वसूलता था।
सुधारात्मक उपायों की शुरुआत
सैटेलाइट उद्योग की संस्था आईएसपीए के महानिदेशक एके भट्ट ने कहा, यह प्रगतिशील नीतिगत कदम सही दिशा में है। इससे डिजिटल संचार की वृद्धि को समर्थन देने की सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है। यह क्षेत्र में सुधारात्मक उपायों की शुरुआत करने वाला कदम होगा।
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