नई दिल्ली । तेलंगाना (Telangana)में शानदार जीत (Victory)के साथ ही कांग्रेस (Congress)में बगावत के बादल भी छाने (sifted)लगे हैं। खबर है कि राज्य के कई बड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री के तौर पर TPCC चीफ अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि, इसे लेकर पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। 119 सीटों वाले दक्षिण भारतीय राज्य में कांग्रेस ने 63 सीटों पर जीत दर्ज की है।
हैदराबाद में सोमवार को विधायक दल की बैठक हुई थी। अब टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के विधायकों के बीच आम सहमति नहीं बनने के चलते शपथ ग्रहण समारोह को टालने का फैसला लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले रेड्डी के सीएम के तौर पर शपथ लेने के लिए राजभवन में तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। राज्य में कांग्रेस एक उपमुख्यमंत्री भी तैनात कर सकती है।
ये नेता खिलाफ
कई बड़े नेता रेड्डी को सीएम बनाने के खिलाफ नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इनमें मल्लु भाटी विक्रमार्क, उत्तम कुमार रेड्डी, श्रीधर बाबू और कोमतीरेड्डी बंधुओं का नाम शामिल है। खास बात है कि इससे पहले भी खबरें आती रही हैं कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रेड्डी के काम करने के तरीकों से खुश नहीं है। कहा जा रहा था कि इस संबंध में कांग्रेस आलाकमान को भी सूचित किया गया था
कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ा फैसला
खबर है कि तेलंगाना कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ दिया है। इधर, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के ऑब्जर्वर चर्चा के लिए दिल्ली पहुंचे थे।
क्या हो सकती है विरोध की वजह
बीते साल भी इस तरह की खबरें सामने आई थीं, जहां कांग्रेस के कई बड़े नेता रेड्डी पर सवाल उठा रहे थे। उस दौरान कहा जा रहा था कि वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि रेड्डी अकेले ही काम करते हैं और अपने साथ किसी को नहीं लेते। तब उनके खिलाफ बैठकों का लंबा दौर भी चला था। कांग्रेस के कुछ नेता तब सोनिया गांधी से मुलाकात करने की भी तैयारी कर रहे थे।
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