हैदराबाद। तेलंगाना हाईकोर्ट(Telangana High Court) ने गुरुवार को 18 जून को यादाद्री भुवनागिरी जिले में एक दलित महिला (Dalit woman) की कथित हिरासत में मौत(Death) की न्यायिक जांच( Judicial inquiry) का आदेश दिया है। अदालत ने आलेर मजिस्ट्रेट को जांच करने और सीलबंद लिफाफे में अदालत को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। मजिस्ट्रेट को यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि आवश्यक हो तो मृतक के शव को बाहर निकालें और फिर से पोस्टमॉर्टम करें।
न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति टी. विनोद कुमार की पीठ ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए जांच का आदेश दिया, जिसमें रचकोंडा पुलिस आयुक्तालय के तहत अडागुडुरु पुलिस स्टेशन में दलित महिला मरियम्मा की मौत की जांच की मांग की गई थी।कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद थानों में सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगाए गए।
अडागुदुर में एक पादरी के घर में नौकरानी के रूप में काम करने वाली और डकैती के आरोपों का सामना करने वाली मरियम्मा की कथित पुलिस यातना के कारण 18 जून को थाने में मौत हो गई थी। पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की महासचिव जया विंध्याला ने जनहित याचिका दायर कर न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मरियम्मा के बेटे उदय किरण को भी पुलिस ने प्रताड़ित किया और उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को पांच करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश देने की भी मांग की।
राचाकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश भागवत ने अडागुदुर में तीन पुलिस अधिकारियों को कथित तौर पर हिरासत में मौत के लिए जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित करने का आदेश दिया था।इस मामले में थानाध्यक्ष वी. महेश्वर, आरक्षक रशीद और जनैया को निलंबित कर दिया गया है।
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