हैदराबाद । मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (CM K. Chandrasekhar Rao) ने कहा कि तेलंगाना (Telangana) आदिवासी विकास को लेकर (Regarding Tribal Development) देश के लिए (For the Country) एक रोल मॉडल बन गया है (Has become A Role Model) । मुख्यमंत्री ने 9 अगस्त को ‘विश्व आदिवासी दिवस’ के अवसर पर आदिवासी समुदायों को शुभकामनाएं दीं।
केसीआर ने कहा कि राज्य सरकार उन आदिवासियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है जो अपनी आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर हैं और शुद्ध दिल से खुशहाल जीवन जीते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार पिछले नौ वर्षों से आदिवासी विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू कर रही है और उनके जीवन में गुणात्मक बदलाव ला रही है।
उन्होंने दावा किया कि सरकार ने प्रसिद्ध आदिवासी योद्धा कुमारम भीम की आकांक्षाओं को पूरा किया, जिन्होंने ‘जल-जंगल-जमीन’ के नारे के साथ लड़ाई लड़ी। सरकार ने मिशन भगीरथ के माध्यम से जंगल के सुदूर कोनों में गोंड बस्तियों और आदिवासी टांडाओं को भी पीने योग्य पानी की आपूर्ति प्रदान करके ‘जल’ के नारे को वास्तविकता बना दिया। आदिवासी बस्तियों में कृषि आवश्यकताओं के लिए कालेश्वरम, मिशन काकतीय से सिंचाई सुविधाएं और मुफ्त बिजली भी प्रदान की जाती है।
केसीआर ने कहा कि तेलंगाना एकमात्र राज्य है जो ‘जंगल’ (जंगल) की रक्षा कर रहा है और घटते वन क्षेत्र को पुनर्जीवित करके देश के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। उनकी ‘ज़मीन’ (भूमि) पर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करते हुए सरकार ने आदिवासियों को पोडु भूमि पट्टे वितरित किए। तेलंगाना देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है जिसने डेढ़ लाख आदिवासियों को चार लाख एकड़ से अधिक पोडु भूमि वितरित की।
सरकार ने आदिवासी किसानों को रायथु बंधु और रायथु बीमा योजना का लाभ प्रदान करके भी समर्थन दिया। लगभग 2,471 आदिवासी बस्तियों को ग्राम पंचायत के रूप में उन्नत किया गया है और आदिवासियों को खुद का सरपंच चुनकर लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है और ‘मावा नाटे मावा राज’ की आदिवासियों की आकांक्षा को साकार किया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य ने भी आदिवासियों के लिए उनकी भागीदारी के अनुपात में शिक्षा और नौकरी क्षेत्रों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करके देश के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है।
सरकार ने हैदराबाद के बंजारा हिल्स में कुमराम भीम और संत सेवालाल के नाम पर आत्मगौरव इमारतों का निर्माण किया। सरकार आदिवासियों के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर उच्च स्तरीय गुरुकुल शिक्षा और विदेशी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए भी प्रयासरत है। आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हुए, सरकार आधिकारिक तौर पर संत सेवालाल जयंती, कुमारमभीम जयंती, वर्धांतुलु, भौरापुर जतारा, केसलापुर, नागोबा, जंगूबाई जतारा और नाचराम जतारा जैसे आदिवासी त्योहारों का आयोजन कर रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved