नई दिल्ली: तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भट्टी विक्रमार्क ने राज्य का बजट 2024-25 पेश किया. इस दौरान उन्होंने विधानसभा में 2.91 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. इस बार के बजट में तेलंगाना सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए 72,659 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इस बार बजट में राजस्व अनुमान 2.21 लाख करोड़ रुपये और 33,487 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का अनुमान है.
वित्त मंत्री भट्टी विक्रमार्क ने कहा, ‘इस साल हमने प्रधानमंत्री फसल भीम योजना (पीएमएफबीवाई) में शामिल होकर किसानों के लिए कृषि बीमा का विस्तार करने का संकल्प लिया है. राज्य सरकार के द्वारा ही किसान द्वारा भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम भरा जाएगा. किसानों का एक भी रुपये खर्च किये बिना ही उनकी फसल का बीमा किया जाएगा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘राज्य में धान की खेती बहुत ही ज्यादा व्यापक रूप मे होती है. कई बार अच्छी फसल होने के बाद भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में सरकार ने “सन्ना चावल” की खेती को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है. सरकार ने 33 किस्मों की पहचान की है ऐसे चावल और इन किस्मों के लिए 500/- रुपये प्रति क्विंटल के बोनस की घोषणा की है.
वित्त मंत्री भट्टी विक्रमार्क मल्लू ने बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा, ‘2023-24 में तेलंगाना का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 14,63,963 करोड़ रुपये है. यह पिछले वर्ष की तुलना में 11.9% अधिक है. राष्ट्रीय स्तर पर यह विकास दर 9.1% है.
तेलंगाना सरकार के कुल प्रस्तावित बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 72,659 करोड़ रुपये, बागवानी के लिए 735 करोड़ रुपये, पशुपालन क्षेत्र के लिए 1980 करोड़ रुपये, 500 हजार रुपये की गैस सिलेंडर योजना के लिए 723 करोड़ रुपये, गृहज्योति योजना के लिए 2418 करोड़ रुपये, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए 3836 करोड़, पंचायत राज के लिए 29816 करोड़, महिला शक्ति कैंटीन के लिए 50 करोड़, हैदराबाद विकास के लिए 10,000 करोड़, जीएचएमसी के लिए 3065 करोड़, एचएमडीए के लिए 500करोड़, मेट्रो वाटर के लिए 3385 करोड़, हाइड्रा के लिए 200 करोड़रुपये आवंटित किए गए हैं.
इसके अलावा एयरपोर्ट तक मेट्रो के लिए 100 करोड़, ओआरआर के लिए 200 करोड़, हैदराबाद मेट्रो के लिए 500 करोड़, ओल्ड सिटी मेट्रो के लिए 500 करोड़,मुसी नदी विकास के लिए 1500 करोड़ , क्षेत्रीय रिंग रोड के लिए 1525 करोड़, एससी कल्याण के लिए 33124 करोड़, एसटी कल्याण के लिए 17056, अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 3000 करोड़, बीसी कल्याण के लिए 9200 करोड़, चिकित्सा स्वास्थ्य के लिए 11468 करोड़, बिजली के लिए 16410 करोड़, वन और पर्यावरण के लिए 1064 करोड़, आईटी के लिए 774 करोड़, जल निकासी के लिए 22301 करोड़, शिक्षा के लिए 21292 करोड़, गृह विभाग के लिए 9564 करोड़ और आर एंड बी-5790 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
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