हैदराबाद: तेलंगाना विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव को मंजूरी दी जिसमें केंद्र सरकार से नई दिल्ली में नए संसद भवन का नाम डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के नाम पर रखने का आग्रह किया है. राज्य में विधानमंडल के दोनों सदनों में तेलंगाना सरकार द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को पारित किया गया है. इस प्रस्ताव को राज्य के उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के टी रामाराव ने सदन में पेश किया था.
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, मंत्री के टी रामाराव ने कहा कि नवनिर्मित संसद भवन का नाम आंबेडकर के नाम पर रखना उचित होगा, जो संविधान के निर्माता हैं. प्रस्ताव पेश करते हुए के टी रामाराव ने कहा कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को डॉ. आंबेडकर की महानता के बारे में बात की थी.
मालूम हो कि राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के हिस्से के रूप में एक नया संसद भवन पूरा होने के अंतिम चरण में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नए भवन का शिलान्यास किया था. पिछले महीने उन्होंने भवन की छत पर बने राष्ट्रीय चिन्ह का अनावरण किया था. केंद्र सरकार की योजना नए भवन में संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने की है.
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) और कांग्रेस पार्टी ने KCR सरकार के प्रस्ताव का पूरा समर्थन किया है. मालूम हो कि प्रस्ताव पारित करते समय बीजेपी विधायक सदन में मौजूद नहीं थे. विधानसभा के स्पीकर पी. श्रीनिवास रेड्डी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित करने की घोषणा की.
टी रामाराव ने आगे कहा कि आंबेडकर ने देश को एक दिशा दिखाई और नए संसद भवन का नाम उनपर रखने से बेहतर कोई व्यक्ति हो ही नहीं सकता है. मंत्री ने आगे कहा कि आंबेडकर सामाजिक न्याय, लोकतंत्र की महानता और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक थे.
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