पटना: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा को घेरने और तमाम विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए सीएम नीतीश कुमार लगातार अलग-अलग पार्टी के नेताओं मुलाकात कर रहे हैं. उनकी इन मुलाकातों के दौरान बिहार के डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) उनके साथ मजबूती के साथ खड़े नजर आते हैं. बताया जा रहा है कि जिस तरह से लालू प्रसाद यादव महागठबंधन में अलग-अलग दलों को जोड़ने के लिए बड़ी भूमिका निभा चुके हैं. उसी तरह तेजस्वी यादव भी सीएम नीतीश कुमार (Nitish kumar) के साथ विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं.
तेजस्वी यादव बीते कुछ सालों में मजबूत नेता के रूप से निकलकर उभरे हैं. वर्तमान में बिहार के डिप्टी सीएम की ज़िम्मेदारी निभा रहे तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के अभियान में उनका साथ निभाने के लिए खुद भी कई नेताओं के साथ मिलकर पहल करते हुये अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं. इसी क्रम में तेजस्वी यादव आज फिर विशेष विमान से नीतीश कुमार के संग पश्चिम बंगाल रवाना हो गए हैं. वह भी नीतीश कुमार के साथ ममता बनर्जी एवं अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे.
मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मुलाकात के दौरान भी मौजूद थे तेजस्वी
बता दें, पिछले दिनों तेजस्वी यादव कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात करने नीतीश कुमार के साथ गए थे. मल्लिकार्जुन खड़गे से लगभग दो घंटो के मुलाकात के बाद भाजपा को घेरने के लिए रणनीतियां बनी थी. राहुल गांधी ने भी दोनों से उत्तर भारत में समान विचारधारा वाले दलों से मिलकर एकजुट करने की अपील की थी. लगभग 11 दिन के भीतर ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक्टिव हो गए और आज ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से मिलने निकलने वाले हैं.
ममता और अखिलेश को कांग्रेस के साथ लाना बड़ी चुनौती
बीजेपी के खिलाफ 2024 के लोकसभा के चुनाव में ममता बनर्जी और अखिलेश यादव को कांग्रेस के साथ लाना नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती है. पिछले लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के अनुभव के बाद लगातार हुई बयानबाजी इस बात का संकेत करते हैं कि दोनों नेताओं का कांग्रेस के साथ एक मंच पर आना टेढ़ी खीर है. अखिलेश यादव के साथ तेजस्वी यादव की मित्रता के साथ पारिवारिक रिशेतेदारी भी है ऐसे में तेजस्वी यादव की अखिलेश यादव को साथ लाने में बड़ी भूमिका हो सकती है.
तेजस्वी पहले भी 2 बार बंगाल जाकर कर चुके हैं मुलाकात
तेजस्वी यादव इससे पहले दो बार पश्चिम बंगाल जाकर ममता बनर्जी से मिल चुके हैं. दोनो के बीच अच्छे संबंध हैं. ऐसे में दोनो नेताओं को साथ लाने में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव कारगर सिद्ध हो सकते हैं. ऐसे में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि तेजस्वी यादव के हर अभियान में उनके साथ मिलकर मजबूती से खड़े नजर आ रहे हैं.
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