नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव 2024(Lok Sabha Elections 2024) में बिहार की 23 सीटों (23 seats of Bihar)पर लड़ी लालू एवं तेजस्वी यादव(Tejashwi Yadav) की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) महज चार पर ही जीत दर्ज (register a win)कर सकी। आरजेडी को 19 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। अब पार्टी के नेता हार की समीक्षा करने में जुट गए हैं। आरजेडी सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव में तेजस्वी का यादवों पर फोकस पार्टी के लिए भारी पड़ गया। पूर्व डिप्टी सीएम की अधिकांश रैलियां यादव बाहुल्य इलाकों में ही हुई। इससे अन्य जातियों के वोट छिटक गए।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बिहार में महागठबंधन यानी इंडिया गठबंधन के प्रचार की कमान पूरी तरह तेजस्वी यादव के हाथ में थी। उन्होंने राज्यभर में ताबड़तोड़ 251 चुनावी रैलियों को संबोधित किया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि तेजस्वीकी अधिकांश सभाएं यादव बहुल इलाकों में हुईं। इसका असर भी चुनाव परिणाम पर पड़ा है। इन क्षेत्रों में आरजेडी के परंपरागत वोट के अलावे अन्य वोट को एकजुट करने में विफलता मिली। तेजस्वी की रैलियों में हुई अफरातफरी और बल प्रदर्शन ने अन्य पिछड़ी जातियों को साथ आने से रोक दिया। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इसकी भी समीक्षा की जाएगी।
आरजेडी ने चुनाव में 23 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जबकि 4 सीटों बक्सर, औरंगाबाद, जहानाबाद व पाटलिपुत्र पर ही सफलता मिली। कई विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के लोकसभा प्रत्याशियों को निकटतम प्रतिद्वंद्वी से कम वोट मिले हैं। इसकी समीक्षा की जाएगी, उन विधानसभा क्षेत्रों में कमी कहां रह गई। आरजेडी विधायकों की भूमिका की भी समीक्षा होगी।
पार्टी नेताओं ने स्पष्ट किया है कि बिहार का आगामी विधानसभा चुनाव इंडिया अलायंस यानी महागठबंधन तेजस्वी यादव के चेहरे पर ही लड़ेगा। इसके लिए कांग्रेस, तीनों वाम दलों और वीआईपी ने भी सहमति जताई है। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा समय आने पर की जाएगी।
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