नई दिल्ली। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए के तहत आपराधिक धारा में एक नया मामला दर्ज किया है। इसी मामले में एजेंसी तेजस्वी का बयान दर्ज कर सकती है। बता दें कि बीते 26 मार्च को इसी मामले में सीबीआई ने तेजस्वी यादव से दिल्ली में पूछताछ की थी।
सीबीआई की करीब आठ घंटे तक चली पूछताछ के बाद तेजस्वी ने कहा था कि जब भी जांच हुई है हमने सहयोग किया है और जो सवाल किए गए उसके हमने जवाब दिए। ये निराधार चीजें हैं। सच्चाई यह है कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। उसी दिन तेजस्वी यादव की बड़ी बहन और सांसद मीसा भारती भी पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुई थीं। कहा गया था कि उनका बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया गया।
नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से भी पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा ईडी ने राजद प्रमुख के परिवार के परिसरों में छापे मारे थे। ईडी ने छापेमारी के बाद कहा था कि उसने एक करोड़ रुपये की आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक नकदी बरामद की और अपराध में इस्तेमाल 600 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगाया है। लालू प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों की तरफ से रियल एस्टेट समेत विभिन्न क्षेत्रों में किए गए और निवेश का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला
यह कथित घोटाला उस समय हुआ जब लालू प्रसाद कांग्रेस नीत केंद्र की यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004-09 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और इसके बदले में संबंधित व्यक्तियों ने तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों को और इस मामले में लाभार्थी कंपनी ‘एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ को अपनी जमीन हस्तांतरित की थी।
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