किसानों की ओलावृष्टि का सर्वे और लाड़ली बहना के पंजीयन खतरे में
देर रात हुए वॉट्सऐप ग्रुप से लेफ्ट,डोंगल जमा कर डिजिटल साइन भी की वापस
इंदौर। तहसीलदार (Tehsildar) आज से तीन दिन की हड़ताल (strike) पर चले गए हैं। अससे राजस्व वसूली (revenue collection) से लेकर किसानों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। कल हुई ओलावृष्टि ने फसलें तो चौपट कर ही दीं, अब सर्वे भी नहीं होगा। देर रात तहसीलदारों ने वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ा, डिजिटल साइन भी वापस की।
विभिन्न मांगों को लेकर चार दिन पूर्व दिए गए ज्ञापन के बावजूद सरकार ने जब राजस्व अधिकारियों की पदोन्नति, नायब तहसीलदार (Tehsildar) पद को राजपत्रित घोषित किए जाने एवं राजस्व अधिकारियों की वेतन विसंगति दूर किए जाने की मांगें नहीं मानीं तो आज से तहसीलदार तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। राजस्व वसूली, सीएम हेल्पलाइन, पेंडिंग पड़े मामलों के साथ-साथ इस हड़ताल (strike) की मार किसानों को भी झेलना पड़ेगी। दो दिन से लगातार हो रही ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया है। वहीं आज से तहसीलदारों की हड़ताल (strike) के चलते उनके नुकसान का सर्वे भी नहीं हो पाएगा। ज्ञात हो कि हड़ताल (strike) को लेकर मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने अपने-अपने जिले में ज्ञापन सौंपे थे। इसके बावजूद मांगें नहीं माने जाने के बाद आज से अधिकारी हड़ताल पर चले गए हैं। कल देर रात सभी तहसीलदारों ने राजस्व विभाग का वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ दिया है। वहीं सरकारी वाहन जमा कराने के साथ-साथ डिजिटल साइन व डोंगल भी जमा करा दिया है।
10 दिन वसूली के बाकी
वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और आखिरी दस दिनों में वृहद अभियान चलाकर राजस्व वसूली (revenue collection) की जाना थी, लेकिन हड़ताल के चलते पूरे मध्यप्रदेश में राजस्व वसूली का आंकड़ा पिछड़ता नजर आ रहा है। ज्ञात हो कि डायवर्शन शुल्क वसूली के लिए अब तक 37,30,48,483 रुपए की वसूली मार्च अंत तक किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार अब तक लगभग 30 प्रतिशत की ही वसूली हो सकी है। आखिरी के दस दिनों में से यदि तीन दिन तहसीलदार (Tehsildar) हड़ताल पर रहेंगे तो इंदौर जिला इसमें और पिछड़ जाएगा।
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