भोपाल। बैरसिया तहसील के एक कर्मचारी को कल शाम बाइक सवार दो बदमाशों ने सरेराह रोका,बदमाशों ने पहले तो उनकी जमकर धुनाई की और बाद में बाइक छीनकर फरार हो गए। वारदात से पूर्व बदमाशों ने दो किलोमीटर तक उनका पीछा किया था। बाइक नहीं रोकने की हालत में आरोपी लगातार उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे थे। बताया जा रहा है कि 12 घंटे के भीतर लुटेरों ने बाइक को बेच दिया था। खरीददार ने भी उक्त बाइक को आगे एक अन्य को बेच दिया था। ईटखेड़ी पुलिस ने मारपीट कर लूट का प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस जल्द पूरे मामले का खुलासा कर सकती है। एसडीओपी केके वर्मा के अनुसार फरियादी 31 वर्षीय धीरेंद्र प्रतापा सिंह पिता दौलत सिंह निवासी अप्सरा टॉकीज के पास रायसेन रोड बैरसिया तहसील में कार्यरत हैं। वह सरकार की एक योजना में बतौर असिस्टेंट मैनेजर तहसील कार्यालय में काम करते हैं। हर रोज़ बाइक से भोपाल-बैरसिया अपडाउन करते हैं। कल शाम को ऑफिस का काम कर लौट रहे थे। ईटखेड़ी के ग्राम हिनौतिया जोड़ निपानिया में मेन रोड पर बाईक क्रमांक एमपी 04 क्यूएम 4762 पर सवार दो युवक उनके पास आए। आरोपियों ने कहा कि बहुत तेज चल रहे हो आज कल बात नहीं मानते। इसके बाद बदमाशों ने उन्हें धमकाना शुरु किया। फरियादी को लगा की आरोपी उनके साथ कोई घटना घटित कर सकते हैं। बचने के लिए उन्होंने बाइक को वापस घुमाया और एक गांव की तरफ दौड़ा दिया। जिससे भीड़ के बीच उन्हें मदद मिल सके। तभी आरोपियों ने करीब दो किलो मीटर तक उनका पीछा किया। बाइक को ओवरटेक कर ग्राम हिनौतिया के पास उन्हें रोका और पीटने लगे। बदमाशों ने बेल्ट और चांटे से उनके साथ मारपीट की है, बाद में जान से मारने की धमकी देकर आरोपी उनकी बाइल छीनकर फरार हो गए।
बिल्डर ने विधवा महिला का प्लॉट हड़पा, धोखाधड़ी दर्ज
कोलार थाना क्षेत्र में रहने वाली एक विधवा महिला के प्लॉट को कोलार थाना क्षेत्र के एक प्लॉट को फ रार बिल्डर द्वारा फ र्जी तरीके से अपने नाम कराने का मामला सामने आया है। पुलिस ने जांच के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। कोलार पुलिस के अनुसार नेहा दुबे पत्नी स्व. अमित दुबे (36) सर्वधर्म बी-सेक्टर कोलार में परिवार के साथ रहती हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि वर्ष 2000 में उनके पति ने कोलार में एक प्लॉट खरीदा था। प्लॉट खाली पड़ा था। वर्ष 2007 में बिल्डर सुनील टिबड़ेवाल ने किसी क्षद्म व्यक्ति को उनके पति के रूप में रजिस्ट्रार ऑफि स में खड़ा कर प्लॉट की रजिस्ट्री अपने नाम करा दी। महिला और उसके पति को इस बात की कोई भनक नहीं लगी। वर्ष 2019 में महिला के पति की अचानक मौत हो गई। पति की मौत के बाद महिला ने जब उक्त प्लॉट को अपने नाम नामांतरण करने का प्रयास किया तो पता चला कि वर्ष 2007 में उक्त प्लॉट की रजिस्ट्री बिल्डर सुनील टिबड़ेवाल करा चुका है। महिला ने दस्तावेज चेक कराए तो रजिस्ट्री के समय महिला के पति के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति की फ ोटो व व्यक्ति का उपयोग किया गया था। पुलिस ने बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। ज्ञात हो कि बिल्डर टिबड़ेवॉल के खिलाफ कोलार में पहले से धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं और वह फि लहाल फ रार चल रहा है।
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