इस्लामाबाद। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना के चार जवानों को मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों ने यह हमला उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली कस्बे में किया। पाकिस्तानी सेना ने बयान जारी कर बताया कि सुरक्षाबल इसी कस्बे में आतंकियों को ढूंढने के लिए अभियान चला रहे थे। इस दौरान एक आतंकी को हथियारों के साथ गिरफ्तार भी किया गया, हालांकि अचानक ही जवानों का सामना बंदूकधारी लड़ाकों से हो गया और मुठभेड़ में पाकिस्तानी सेना के चार जवान मारे गए।
गौरतलब है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और पाकिस्तान सरकार ने नवंबर में ही एक महीने के सीजफायर का एलान किया था। पाकिस्तान सरकार ने इस दौरान टीटीपी के आतंकियों को हथियार डालने के लिए मनाने की कोशिश की थी। साथ ही इस संगठन के लड़ाकों को छोड़ने से जुड़े वादे भी किए। हालांकि, इमरान सरकार की ओर से पुख्ता कदम न उठाए जाने के बाद टीटीपी ने सीजफायर तोड़ दिया और पाकिस्तानी जवानों को फिर से मार गिराना शुरू किया है।
तहरीक-ए-तालिबान ने इससे पहले एक बयान जारी कर दावा किया था कि उसने बुधवार रात पाकिस्तानी सेना के सात जवानों को मार गिराया, जबकि उसके एक भी लड़ाके को चोट नहीं आई। वहीं, पाकिस्तानी सेना का कहना है कि शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने खैबर पख्तूनख्वा के तांक जिले में दो आतंकियों को मार गिराने का दावा किया। टीटीपी ने इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
क्या है टीटीपी?
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का अफगानिस्तान के तालिबान से काफी करीबी नाता है। दोनों ही संगठनों के आतंकी पाकिस्तान के दारूल उलूम हक्कानिया मदरसे से निकले हैं। 2007 में गठित हुए टीटीपी ने ही 2014 में पाकिस्तान के पेशावर में एक स्कूल पर हमला कर दिया था, जिसमें 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी। इसके बाद से ही पाकिस्तान ने इस संगठन के खिलाफ जंग छेड़ रखी है।
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