चंडीगढ़। कृषि बिल को लेकर किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा और पंजाब में किसान सड़क पर हैं और बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हरियाणा के पानीपत में दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं और पानी की बौछार की गई है। इसके साथ ही किसानों को हिरासत में ले लिया गया।
प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि अध्यादेश किसानों का डेथ वारंट है और इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो पहले से उन्हें मिल रहा है, वह उसको लेकर खुश हैं। सरकार और ज्यादा देने का प्रयास ना करें। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को उनकी जमीन को अडानी और अंबानी को बेचने का काम कर रही है।
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार लोगों के साथ धोखा कर रही है, क्योंकि तीनों अध्यादेश पूंजीपतियों के लिए है और पूंजीपति किसान की फसल का मनचाहा एमएसपी लगाएंगे, जिससे किसान की हालत और भी ज्यादा खराब होगी। आज पूरे देश का किसान रोड पर उतर कर इसका विरोध कर रहा है।
भारतीय किसान यूनियन और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि देशभर के किसान 25 सितंबर को कृषि सुधार विधेयक 2020 के विरोध में धरना प्रदर्शन और चक्का जाम करेंगे। यूपी के किसान अपने-अपने गांव, कस्बे और हाईवे का चक्का जाम करने का काम करेंगे। किसान यूनियन के महासचिव धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन इस हक की लडाई को मजबूती के साथ लड़ेगी। सरकार यदि हठधर्मिता पर अड़िग है तो हम किसान भी पीछे हटने वाले नहीं हैं। किसान के पेट पर सरकार ने हमला किया है, जिसे हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस कानून से कृषि क्षेत्र में कम्पनी राज को सरकार स्थापित कर रही है।
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