बेंगलुरु। भारतीय महिला हॉकी टीम की डिफेंडर रश्मिता मिंज ने कहा कि वह टीम के साथ अधिक मैच खेलना और पदक जीतना चाहती हैं। मिंज पिछले चार वर्षों से भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ हैं, लेकिन इस समय उनके नाम केवल 13 अंतरराष्ट्रीय मैच हैं। वर्ष 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण करने वाली मिंज ने देश मे केवल दो टूर्नामेंट खेले हैं।
मिंज ने एक बयान में कहा, “मैं वास्तव में काफी युवा थी, जब मैं 2016 में सीनियर टीम में आई और तब से यह हमेशा मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन मैंने यह सुनिश्चित किया है कि मैं अपना काम नैतिक रखा है और सभी राष्ट्रीय शिविरों में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। मैं वास्तव में टीम में अपनी भूमिका के बारे में मुझसे बात करने के लिए मुख्य कोच सजोर्ड मारिजेन की भी शुक्रगुज़ार हूं।”
उन्होंने कहा,”कोच से बातचीत ने वास्तव में मेरी काफी मदद की है। मुझे पता है कि मुझे अपने खेल में और सुधार करने की आवश्यकता है। मैं अभी मूल बातों पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं। मैं समझती हूं कि एक अच्छी रक्षात्मक इकाई होने से टीम को कई तरह से मदद मिल सकती है, विशेष रूप से अधिक हमलावर अवसर पैदा करने में, जो बाद में अधिक स्कोरिंग अवसरों को जन्म दे सकती है। इसलिए, मेरे लिए एक रक्षक के रूप में, यह जरूरी है कि मैं मेरे खेल में शीर्ष पर रहूं और सीखती रहूं।”
कम उम्र में टीम में जगह बनाने का मतलब है कि मिंज के पास अभी बहुत कुछ हासिल करने का समय है।
मिंज ने कहा, “मुझे लगता है कि इस समय 22 साल का होना मेरे लिए काफी मददगार है। मेरे पास कई और साल हैं, मुझमें काफी हॉकी है और मैं अभी भी टीम को बहुत कुछ दे सकती हूं। मुझे याद है कि 2017 में जापान के काकामिगाहारा में महिला एशिया कप में स्वर्ण पदक जीतना काफी सुखद अहसास है। मैं सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहती हूं कि मैं और अधिक मैच खेलूं और टीम के लिए और पदक जीतूं।”
मिंज ने आगे कहा कि उन्होंने अपने लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं और यह सुनिश्चित कर रही है कि वह उन लक्ष्यों को प्राप्त करे। मिंज ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच 2019 में मलेशिया दौरे के दौरान खेला था। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved