भोपाल। राजधानी में स्वच्छता की हकीकत जानने के लिए जून माह में केंद्र की स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम भोपाल आएगी। इसके बाद भी निगम प्रशासन सफाई पर जोर नहीं दे पा रहा है। शहर के कई स्थानों पर कचरे का अंबार लगा हुआ है। जबकि इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण के लिये अंक 7500 के बजाय 9500 निर्धारित किये गये हैं। इस लिहाज से भी कचरे के निपटारे सहित सभी निर्धारित मापदंडों पर नगर निगम को अधिक काम करने की जरूरत दिखाई देती है। यह बात दूसरी है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की तैयारी में जुटा नगर निगम भोपाल यह दावा करने से नहीं चूक रहा है कि हमारी कोशिश है कि इस बार भोपाल देश में स्वच्छता को लेकर प्रथम स्थान पर आए। जबकि मुख्य मार्गों सहित गली मोहल्लों की नियमित सफाई अभी भी नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं नवबहार सब्जी मंडी जैसे अत्यधिक सफाई की जरूरत वाले क्षेत्र में भी कचरे का ढ़ेर गुरूवार ही निगम के दावें की कलई खोलता नजर आया है। महत्वपूर्ण है कि अच्छे कार्य पर अधिकतम 10 और खराब काम पर 0 अंक देने का प्रावधान किया है।
यह करने की जरूरत
स्वच्छता के इन बिंदुओं पर यह अंक हैं निर्धारित
इन तीन श्रेणियों पर अंक
स्वच्छ सर्वेक्षण की नई गाइडलाइन में तीन श्रेणी सेवा स्तर प्रगति, प्रमाणीकरण और सिटीजन वॉइस में अंकों को मिलाकर 9500 अंक तय किए हैं। इसमें भी कार्यों का विभाजन किया है और हर कार्य के लिए अलग-अलग अंक तय दिए हैं। थीम के अनुरूप ही इस बार 48 प्रतिशत यानी 4525 नंबर अकेले सर्विस लेवल प्रोग्राम यानी कूड़े को लेकर सेग्रीगेशन, प्रोसिसिंग व डिस्पोजल पर आधारित रहेंगे।
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