– योगेश कुमार गोयल
हाल ही में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को टेस्ट टीम की भी कमान सौंपे जाने के बाद भारतीय क्रिकेट का विराट कोहली युग औपचारिक तौर पर समाप्त होने के साथ ही भारत में क्रिकेट के एक नए युग की शुरूआत हो गई है। दरअसल रोहित वनडे और टी-20 मैचों के बाद अब टेस्ट टीम के भी पूर्णकालिक कप्तान बना दिए गए हैं और इसी के साथ वह अब क्रिकेट के तीनों ही प्रारूपों में टीम इंडिया के कप्तान होंगे। तमाम खेल विश्लेषक इसे भारतीय क्रिकेट में रोहित युग की नई शुरुआत मान रहे हैं।
टीम इंडिया की कप्तानी से विराट कोहली के जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद रोहित के कंधों पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अपने बल्ले से मैदान पर रनों का अंबार लगाते रहे रोहित के लिए अब टीम इंडिया के तीनों फॉर्मेट में अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित करना होगा। हालांकि रोहित टीम इंडिया के बेहद अनुभवी खिलाड़ी हैं लेकिन उनके लिए पूर्व कप्तान विराट कोहली द्वारा स्थापित उच्च मानदंडों पर खरा उतरना बड़ी चुनौती होगी। दरअसल अपनी अगुवाई में टेस्ट मैचों में पूर्व कप्तान विराट कोहली 68 में से 40 मैचों में जीत हासिल करते हुए दुनिया के चौथे सफलतम कप्तान बने थे। उनसे पहले बतौर कप्तान दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ के नाम 53, ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोटिंग के नाम 48 और कप्तान स्टीव वॉ के नाम 41 टेस्ट मैचों में जीत हासिल करने का रिकार्ड था।
भारतीय क्रिकेट को कोहली युग से आगे नई बुलंदियों पर ले जाने की जिम्मेदारी अब रोहित शर्मा और टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ के कंधों पर आ गई है। रोहित के लिए चुनौतियां इसलिए भी बहुत ज्यादा हैं क्योंकि वह पहले ही फिटनेस की समस्या से जूझते रहे हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बढ़ती उम्र में वह काम के इतने बोझ के साथ बड़ी जिम्मेदारियां निभाने में किस हद तक सफल हो पाते हैं।
हालांकि रोहित के मामले में सुखद बात यही है कि विराट की कप्तानी के आखिरी दिनों में कप्तान, कोच और टीम मैनेजमेंट के बीच तालमेल की जो कमी देखी जाने लगी थी, वह फिलहाल रोहित के साथ नहीं है और उनके नेतृत्व में कप्तान, कोच तथा टीम मैनेजमेंट के सही तालमेल और बेहतर संतुलन का फायदा टीम इंडिया को मिल सकता है। इसी वर्ष अक्तूबर-नवम्बर में आस्ट्रेलिया में टी-20 विश्वकप शुरू होने वाला है, जिसमें बेहतर प्रदर्शन के साथ टीम इंडिया को कामयाबी दिलाने का दबाव रोहित पर होगा और उनकी कप्तानी में उनकी यह पहली बड़ी परीक्षा होगी। इसके बाद 2023 में भारत में ही आयोजित होने जा रहे 50 ओवरों के विश्वकप में मेजबान टीम के तौर पर मैदान में उतरते हुए टीम इंडिया को सफलता दिलाने का रोहित पर बहुत बड़ा दबाव होगा। 2023 में ही आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल भी खेला जाएगा।
टेस्ट क्रिकेट में वर्ष 2013 में पदार्पण करने वाले 34 वर्षीय रोहित शर्मा ने अब तक टेस्ट मैचों में 46 के औसत से तीन हजार से भी ज्यादा रन बनाए हैं। वैसे रोहित के क्रिकेट के तीनों प्रारूपों का कप्तान बनते ही टीम इंडिया की किस्मत बदली है। दरअसल भारत ने तीसरे और अंतिम टी20 मैच में वेस्टइंडीज को 17 रन से हराकर 3-0 से सीरीज अपने नाम करते हुए टी20 इंटरनेशनल मैचों में लगातार नौवीं जीत दर्ज की। भारत अंतिम बार 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 में घरेलू सीरीज हारा था। टीम इंडिया की वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछली चार टी20 सीरीज में यह लगातार चौथी सीरीज जीत है, जिसमें भारतीय टीम ने तीन बार विंडीज का सूपड़ा साफ किया है और टी20 क्रिकेट में बतौर कप्तान सर्वाधिक मैच जीतने के मामले में रोहित ने पाकिस्तान के सरफराज अहमद की बराबरी भी कर ली है। भारतीय टीम के कप्तान रोहित की टी20 में बतौर कप्तान यह नौवीं जीत है। उनसे पहले सरफराज अहमद की कप्तानी में पाकिस्तान ने 2018 में लगातार नौ मैच जीते थे।
पूर्णकालिक कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया की यह लगातार छठी टी20 जीत थी और इसी के साथ आईसीसी टी20 रैंकिंग में इंग्लैंड को पीछे छोड़ते हुए टीम इंडिया ने शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया 12 फरवरी 2016 से 3 मई 2016 तक इस स्थान पर बनी रही थी। हालांकि रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया की इंग्लैंड के बराबर 269 ही रेटिंग है लेकिन चूंकि दोनों की यह रेटिंग 39 मैचों में है किन्तु इंग्लैंड के 10474 अंकों के मुकाबले भारत के कुल 10484 अंक हैं, इसलिए टीम इंडिया रैंकिंग में नंबर वन पर पहुंच गई है। इस रैंकिंग में पाकिस्तान की रेटिंग 266, न्यूजीलैंड की 255, दक्षिण अफ्रीका की 253 और ऑस्ट्रेलिया की 249 है।
वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई घरेलू वनडे और टी-20 सीरीज में जीत तय होने के बाद टीम इंडिया के सामने अगली बड़ी चुनौती अपने ही घर में श्रीलंका के खिलाफ टी-20 और टेस्ट मैचों की है। श्रीलंका के खिलाफ मोहाली में 4 मार्च से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच से रोहित क्रिकेट के इस प्रारूप में टीम की अगुवाई करेंगे।
बहरहाल, रोहित को क्रिकेट के तीनों प्रारूपों का कप्तान बनने के बाद उन्हें अब न केवल एक मंजे हुए खिलाड़ी के रूप में बल्कि अगले दो वर्षों तक टीम इंडिया के कप्तान के रूप में भी आने वाले समय में कुछ महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में अपनी प्रतिभा, हुनर तथा सही समय पर उचित फैसला लेने की अपनी काबिलियत को साबित करना होगा। महेंद्र सिंह धोनी तथा विराट कोहली जैसे कप्तानों की राह पर चलते हुए उन्हें सूझबूझ भरे फैसलों से टीम इंडिया की जीत का मार्ग प्रशस्त करना होगा। विराट-शास्त्री के लंबे कार्यकाल के बाद अब कप्तान और कोच के रूप में रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ की जोड़ी पर सभी की नजरें केन्द्रित हैं।
उम्मीद की जानी चाहिए कि रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया निरंतर जीत दर्ज करते हुए आगे बढ़ेगी और कोच द्रविड़ के मार्गदर्शन तथा रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया गौरवपूर्ण उपलब्धियों का नया इतिहास लिखेगी। यह उम्मीद भी की जानी चाहिए कि एक बेहतरीन कप्तान साबित होने के साथ-साथ आने वाले समय में रोहित के बल्ले से रनों के अंबार के साथ नए-नए रिकॉर्ड भी निकलेंगे और वे वनडे, टी-20 तथा टेस्ट, क्रिकेट के तीनों ही प्रारूपों में नया इतिहास रचेंगे।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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