उज्जैन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा की कापी (उत्तर पुस्तिका) के मूल्यांकन की पद्धति में बदलाव किया है। अब मूल्यांकनकर्ता एक घंटे में अधिकतम तीन कापियों का ही मूल्यांकन कर पाएंगे और दिनभर में सिर्फ 20 कापियां ही मूल्यांकन के लिए मिलेंगी। मूल्यांकन करने वाले शिक्षक को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक मूल्यांकन केंद्रों पर रहना होगा। सिर्फ इतना ही नहीं मूल्यांकन का कार्य शिक्षक ने सहीं तरीके से किया है कि नहीं, इसकी निगरानी और जांच भी निरंतर होगी। मूल्यांकन के बाद एक अन्य शिक्षक कापियां जांचेगा तथा अंत में प्रमुख मूल्यांकनकर्ता द्वारा करीब 20 प्रतिशत कापियों की जांच कर देखा जाएगा कि सही तरीके से मूल्यांकन हुआ है कि नहीं। ज्ञात हो कि पहले शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए समय की बाध्यता नहीं होती थी। मूल्यांकन कार्य में शून्य त्रुटि अभियान के तहत सीबीएसई ने ये बदलाव किए हैं। सीबीएसई केंद्रीय विद्यालय जीसीएफ क्रमांक एक के प्राचार्य रजनीश सिंघई ने बताया कि सीबीएसई ने इस वर्ष कापियों की सूक्ष्मता से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक कापी की निगरानी होगी। कापियों के मूल्यांकन में पारदर्शिता लाने के लिए एक शिक्षक को मात्र 20 कापी ही दी जाएंगी। पिछले साल तक 30 कापियां दी जाती थीं। मूल्यांकन का कार्य मूल्यांकन केंद्र में सुबह नौ से शाम पांच बजे तक किया जाएगा।
ऐसे होगी निगरानी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने मूल्यांकनकर्ता के साथ एक सहायक रखा है जो मूल्यांकन के बाद कापियों को चेक करेंगे कि कुल योग और सभी प्रश्नों का मूल्यांकन किया गया है कि नहीं। इसके बाद केंद्र के प्रमुख मूल्यांकनकर्ता सभी मूल्यांकित कापियों से 20 प्रतिशत कापियों की जांच कर इसकी पुष्टि करेंगे कि मूल्यांकन सहीं तरीके से हुआ है कि नहीं। खासकर विज्ञान एवं सामाजिक अध्ययन विषयों की जांच के लिए पीजीटी शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। ज्ञात हो कि 15 फरवरी से सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। मूल्यांकन कार्य भी शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा।
पेपर निकालने से लेकर जमा करने तक की ली जा रही सेल्फी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड परीक्षा में गड़बड़ी रोकने हर मिनट की मानीटरिंग के लिए साफ्टवेयर बनाया है जिसमें परीक्षा केंद्राध्यक्ष को पेपर लेने से लेकर जमा करने तक की सेल्फी आनलाइन साफ्टवेयर में अपलोड करना पड़ रहा है। प्राचार्य रजनीश सिंघई ने बताया कि पेपर बैंक में रखे गए हैं जहां से पेपर जिस वक्त मिलता है उस वक्त बैंक के अंदर की सेल्फी लेनी होती है। बैंक मैनेजर से पेपर लेते वक्त सेल्फी ली जाती है। इसके बाद केंद्र में पेपर खोलते वक्त की फोटो और समय दर्ज किया जा रहा है। इसके बाद कापियां पैक करते समय भी फोटो मानीटरिंग एप में दर्ज करनी पड़ रही है।
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