जम्मू (Jammu ) । जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) के सरकारी स्कूल के शिक्षक को सोशल मीडिया (social media) पर सरकार की आलोचना करने के चलते सस्पेंड कर दिया गया है. शिक्षक का नाम जोगिंदर सिंह है, जो रामबन जिले के एक सरकारी स्कूल (Government school) में तैनात है. जोगिंदर सिंह ने कथित तौर पर अपने फेसबुक पेज पर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन की नीतियों की आलोचना की थी. एक सप्ताह पहले ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों (government employees) को सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना से बचने की सलाह दी थी.
प्रशासन से जारी आदेश में कहा गया है कि, जोगिंदर सिंह को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर “नीतियों की आलोचनाओं के बारे में” सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए निलंबित किया गया है.
कर्मचारियों को सरकार की आलोचना न करने की चेतावनी
जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने सोशल मीडिया पर सरकारी नीतियों की आलोचना करने के खिलाफ पिछले सप्ताह कर्मचारियों को चेतावनी दी थी. सभी प्रशासनिक सचिवों को अपने कर्मचारियों की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी करने और सरकार की नीतियों और उपलब्धियों पर प्रतिकूलता से टिप्पणी करने वालों की पहचान करने को कहा गया था.
हालांकि, आदेश में यह जानकारी नहीं दी गई है कि जोगिंदर सिंह ने अपनी पोस्ट में किन नीतियों की आलोचना की थी, जो उनके निलंबन की वजह बना.
निलंबन आदेश में क्या कहा गया?
रामबन के उपायुक्त मुसरत उन इस्लाम के द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उचित जांच के बाद यह पाया गया कि शिक्षक चार फेसबुक पेज चला रहा है. इसमें दो पेज पर पर उन्होंने खुद को शिक्षक बताया है जबकि अन्य दो पर, ‘सोशल पॉलिटिकल एक्टिविस्ट’ कहा है.
आदेश में कहा गया, “उक्त शिक्षक ने अपने फेसबुक पेज पर सरकार की नीतियों के बारे में प्रतिकूल रूप से आलोचना करने और टिप्पणी करते हुए कई पोस्ट की हैं. उन्होंने अपनी पहचान (दो फेसबुक एकाउंट में) को छुपाया है और पेशे के रूप में सरकारी शिक्षक के बजाय सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में एक नकली फेसबुक आईडी बनाई है.”
जांच पूरी होने तक रहेंगे अटैच
आदेश के अनुसार, जांच पूरी होने तक शिक्षक मुख्य शिक्षा अधिकारी, रामबन के कार्यालय से अटैच रहेंगे. प्रशासन ने अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त से मामले को देखने के लिए कहा है. आदेश में यह भी कहा कि सरकार ने सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग पर 2020 में शिक्षक का वेतन रोका था.
2019 के बाद से, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग के खिलाफ अभियान शुरू किया है. कई लोगों को अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर आतंकवाद विरोधी कानून (UAPA) के तहत आरोपित किया गया है. 2021 में, जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने कर्मचारियों से सोशल मीडिया एकाउंट्स की जानकारी मांगी थी.
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