मुम्बई (Mumbai)। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी (country’s largest IT company) टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) ने रिश्वत लेकर भर्ती घोटाले (Recruitment Bribe case ) में बड़ी कार्रवाई की है. टीसीएस ने 6 कर्मचारियों (TCS 6 Employees Sacks) को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके अलावा छह बिजनेस एसोसिएट फर्म्स (Six Business Associate Firms) पर प्रतिबंध लगा दिया है. टीसीएस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने ये जानकारी दी है।
एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) के दौरान शेयरहोल्डर्स के प्रश्नों का जवाब देते हुए पहली बार कंपनी की तरफ से इस मामले पर सफाई दी गई है. पिछले एक हफ्ते से इस मामले को लेकर कई तरह के कयास लगाये जा रहे थे. शेयरहोल्डर्स से बात करते हुए एन चंद्रशेखरन ने कहा कि हमने छह कर्मचारी ऐसे मिले जिनका आचरण नैतिकता के खिलाफ था. उन्होंने कहा कि हम यह नहीं बता सकते कि उन्हें क्या लाभ मिला, लेकिन उन्होंने निश्चित रूप से इस तरह से व्यवहार किया कि वे कुछ कंपनियों के लिए काम कर रहे थे. एन चंद्रशेखरन ने कहा कि उन सभी छह कर्मचारियों और छह ऐसी बिजनेस एसोसिएट फर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. तीन और कर्मचारियों के खिलाफ जांच जारी है।
एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी पूरे बिजनेस एसोसिएट सप्लाई मैनेजमेंट प्रोसेस की कमजोरी और खामियों की समीक्षा करेगी. और ये सुनिश्चित करेगी कि ऐसी घटनाएं फिर से ना दोहराई जाए. उन्होंने कहा कि सबसे पहले किसी भी कर्मचारियों से उम्मीद की जाती है कि हर कर्मचारी का आचरण नैतिकता भरा हो और व्यवहार में सत्यनिष्ठा हो. यह किसी भी वित्तीय प्रदर्शन से पहले आता है. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी द्वारा नैतिक आचरण का उल्लंघन होता है, तो मुझे और सभी वरिष्ठ को दुख होता है और हम इसे बेहद गंभीरता से लेते हैं और बहुत कड़ी कार्रवाई करेंगे।
एन चंद्रशेखरन ने बताया कि दो व्हीसलब्लोअर ने फरवरी मार्च में इस गड़बड़ी के बारे में जानकारी दी थी. उऩ्होंने बताया कि पक्षपात को लेकर शिकायतें मिली थी और बिजनेस एसोसिएट्स के भर्ती में लाभ हासिल किया गया है।
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