इंदौर। टीबी के मरीजों (TB patients) को दवाई (Medicines) के साथ-साथ पोषण भी दिलाने के लिए भारत सरकार (Govt. Of India) द्वारा शुरू की गई निक्षय मित्र अभियान इंदौर में भी जोरदार से शुरू हो चुका है। शहर के कई संस्थानों सहित समाजसेवियों ने हजारों मरीजों को जहां गोद लेने की तैयारी कर ली है, वहीं विभाग टीबी को खत्म करने के लिए वृहद रूप से अभियान छेड़ रहा है।
भारत सरकार द्वारा टीबी के मरीजों को गोद लेकर टीबी मुक्त बनाने की पहल रंग लाने लगी है। इंदौर के समाजसेवियों सहित उद्योगपतियों ने टीबी के मरीजों को गोद लेने के लिए आगे हाथ बढ़ाए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां ऐसे मरीजों की सूची मुहैया कराई जा रही है, वहीं पोषण और स्वास्थ्य के लिए जरूरी दवाइयों और भोजन की सूची भी दी जा रही है। ज्ञात हो कि टीबी के देश को 2025 तक टीबी मुक्त कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निक्षय मित्र अभियान शुरू किया है। इसमें देशभर के 13.5 लाख मरीजों को गोद देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब तक 9 लाख से अधिक मरीजों को देश स्तर पर गोद दिया जा चुका है। इंदौर में भी इस प्रक्रिया में जोर पकड़ा है। टीबी विभाग के विशेषज्ञ डा. सलील भार्गव ने जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी आम व्यक्ति आकर इन मरीजों को गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल हो सकता है। इसके लिए दवाइयों का खर्च सरकार उठाती है। पोषण के लिए पोष्टिक आहार का खर्च गोद लेने वाले आवेदक को उठाना होगा। विभाग ने शहर के सर्भी क्षेत्रों में टीबी की जांचों के साथ साथ अवेरनेस प्रोग्राम भी छेड़ रखे हैं, जिसके लिए विभाग समय-समय पर नुक्कड़ नाटक और जागरूकता अभियान चला रहा है।
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