नई दिल्ली। आयकर विभाग कर चोरी के मामले में 16 बीमा कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है। जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से इन कंपनियों पर करीब 5,000 रुपये करोड़ की कथित कर देनदारी बनती है। इस मामले में विभाग ने बजाज आलियांज और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की ओर से इस मामले में जल्द ही अन्य बीमा कंपनियों को भी नोटिस भेजा जाएगा। इसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। साथ ही, विभाग ने इस जांच में कुछ ऐसे बैंकों से भी सवाल पूछे हैं, जो कॉरपोरेट एजेंट के तौर पर अपने ग्राहकों को बीमा पॉलिसी बेचते हैं।
इसलिए शुरू की गई जांच : बीमा कंपनियों के खिलाफ जांच पिछले साल सितंबर में ही शुरू हो गई थी। यह जांच इसलिए शुरू की गई है, क्योंकि कई बीमा कंपनियां नियामक की तय सीमा से ज्यादा बिक्री कमीशन देती हैं। बाद में इस रकम को विज्ञापन और मार्केटिंग पर किया गया खर्च बताकर उस पर टैक्स क्रेटिड भी दावा कर लेती हैं। आयकर विभाग का अनुमान है कि 16 बीमा कंपनियों पर इस मामले में बकाया कर ब्याज और जुर्माने को मिलाकर करीब 5,000 करोड़ की देनदारी बनती है।
इरडा ने इस महीने से बदल दिया है नियम
बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण ने बिक्री कमीशन पर अलग से लगी सीमा को एक अप्रैल, 2023 से खत्म कर दिया है। नए नियमों के तहत परिचालन खर्च व कमीशन को साथ जोड़कर उसकी सीमा तय की गई है। बीमा कंपनियां नियम को पिछली तारीख से लागू करने की मांग कर रही हैं। ऐसा होने पर कंपनियों पर कोई कर देनदारी नहीं बनेगी। जांच का भी कोई मतलब नहीं रहेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved