भोपाल। वाणिज्यिक कर विभाग ने जबलपुर, सागर, इंदौर, राजगढ़ में आठ व्यवसाइयों के 14 प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई करते हुए कर चोरी पकड़ी है। इन व्यावसायियों के यहां 40 से 50 करोड़ रुपए की नियम विरुद्ध खरीदी-बिक्री उजागर हुई है। वाणिज्यिक कर विभाग की टैक्स रिसर्च एवं एनालिसिस विंग परिक्षेत्र इंदौर ने व्यवसायियों का जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल, गेन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का सूक्ष्म विश्लेषण किया। गोपनीय रूप से व्यवसायियों के वित्तीय व्यवहार और व्यवसायिक स्थल की जानकारी जुटाई गई। इस रिपोर्ट के आधार पर एक साथ छापे की कार्रवाई की गई। जांच में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों की प्रतिष्ठानों के विरुद्ध भी संदिग्ध वित्तीय व्यवहार के साक्ष्य मिले हैं, जिनके विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के अनुसार बड़े पैमाने पर कर चोरी की जानकारी के आधार पर कमिश्नर वाणिज्यिक कर लोकेश कुमार जाटव एवं उनके सहयोगी 70 अधिकारियों की टीम ने14 व्यवसायिक स्थानों पर एक साथ कड़ी कार्रवाई करते हुए कर चोरी पकड़ी है। जांच की कार्रवाई में महिला अधिकारियों वंदना गोंड वाणिज्यिक कर सहायक आयुक्त जबलपुर एवं वंदना सिन्हा सहायक आयुक्त की टीम ने विपरीत परिस्थितियों में कार्य किया जांच में दोषी व्यवसायियों द्वारा बाधा उत्पन्न करने से चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी थी, जिसका महिला अधिकारियों ने सामना किया और सफलतापूर्वक नियमानुसार जांच पूरी की। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा कर संबंधी डेटा विश्लेषण पर विशेष ध्यान देने, डेटा एनालिटिक्स की नवीनतम तकनीकी का उपयोग करने, गोपनीय तंत्र को मजबूत बनाकर टैक्स चोरी रोकने के प्रयासों को सफलता मिल रही है। जीएसटी अधिनियम की धारा 67-2 एवं 68 में प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। छापे की कार्रवाई को नया रूप देते हुए अब सेक्टर विशेष में व्याप्त कर चोरी के तरीकों को उजागर कर दोषी व्यवसायियों के विरुद्ध संगठित तरीके से कार्रवाई की जा रही है। टैक्स रिसर्च एवं एनालिसिस विंग परिक्षेत्र इंदौर द्वारा व्यवसायियों का जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल गेन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का सूक्ष्म विश्लेषण किया गया। गोपनीय रूप से व्यवसायियों के वित्तीय व्यवहार और व्यवसायिक स्थल की जानकारी एकत्र की गई। इस रिपोर्ट के आधार पर एक साथ छापे की कार्रवाई की गई। जांच में मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों विशेषकर छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र की फर्मों के विरुद्ध भी संदिग्ध वित्तीय व्यवहार के साक्ष्य मिले हैं, जिनके विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है।
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