कानपुर । कानपुर में (In Kanpur) एक आभूषण कंपनी और एक बिल्डर के खिलाफ (Against A Jewelery Company and A Builder) आयकर (Income Tax) की छह दिन तक चली छापेमारी में (Raided for Six Days) 300 करोड़ रुपये की कर चोरी (Tax Evasion of Rs. 300 Crore) का पता चला (Unearthed) । सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में 1,200 करोड़ रुपये की फर्जी खरीददारी और 500 करोड़ रुपये की फर्जी बिक्री का भी पता चला है। लगभग 300 आईटी अधिकारियों ने छापेमारी की, जो छह दिनों तक चली। आरोपियों के कई बड़े ट्रांजेक्शन को आईटी विभाग की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रणाली द्वारा चिह्नित किए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। विशेष रूप से, आईटी विभाग के परिष्कृत एआई उपकरण उच्च मूल्य वाले संदिग्ध लेनदेन को चिह्नित करते हैं। विभाग ने यह सॉफ्टवेयर हाल ही में हासिल किया है। आभूषण फर्म और बिल्डर को नकदी में अत्यधिक भारी लेनदेन करते हुए पाया गया है।
विचाराधीन लेनदेन को लगभग सात महीने पहले चिह्नित किया गया था। तब से आरोपियों के लेनदेन पर आईटी की नज़र थी। सूत्रों ने कहा कि बाद में जब 2,000 रुपये के नोटों का चलन बंद कर दिया गया, तो आयकर विभाग को उनके अवैध लेनदेन से संबंधित और सुराग मिले। यह भी सामने आया है कि दोनों कंपनियों के बीच करीबी कामकाजी संबंध थे। आभूषण कंपनी ने रियल एस्टेट कारोबार में भारी निवेश किया था। निवेश कर्मचारियों के नाम पर किया गया था। यहां तक कि उनके नाम पर करोड़ों रुपये के आईटी रिटर्न भी दाखिल किए गए।
अधिकारियों ने कहा कि आभूषण फर्म ने कानपुर और उसके आसपास के प्रतिष्ठित लोगों की प्रमुख संपत्तियों को खरीदा, विकसित किया और उन्हें प्रीमियम कीमतों पर बेच दिया। अधिकारियों ने कहा, “खरीद और बिक्री के आंकड़े अनुमान पर आधारित हैं। वास्तविक आंकड़ा आने में कुछ समय लगेगा।” उन्होंने कहा, विभाग ने 26 करोड़ रुपये का सोना और नकदी बरामद की है। एक लग्जरी कार के फर्श में बारह किलो सोना छिपा हुआ मिला।
गौरतलब है कि आयकर विभाग की जांच के दायरे में आए बिल्डर ने ऊंची-ऊंची अपार्टमेंट इमारतों के साथ-साथ शहर में दो सबसे बड़ी और महंगी टाउनशिप विकसित की है। कथित तौर पर आरोपी ने बहुत सारी इकाइयां नकद में बेची हैं, जिसे बाद में जौहरी के माध्यम से सर्राफा व्यापार में निवेश किया गया। इसके अलावा, टैक्स से बचने के लिए दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में फर्जी फर्में बनाई गईं। अधिकारियों ने कहा, “जांच टीमों ने भारी मात्रा में डेटा लिया है और इसका विश्लेषण शुरू हो गया है।” इन दोनों फर्मों के साथ नकद लेनदेन में कानपुर और राज्य के अन्य हिस्सों के कई प्रतिष्ठित लोग भी शामिल पाए गए हैं।
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