इंदौर। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आयोग के निर्देश पर मतदाताओं को मुफ्त बांटी जाने वाली सामग्री की रोकथाम के लिए संबंधित विभागों को छापमार कार्रवाई करने क निर्देश दिए गए हैं। पिछले दिनों वाणिज्यकर विभाग ने गारमेंट व्यापारियों के ठिकानों पर कार्रवाई की थी और ढाई करोड़ रुपए जमा भी करवाए और साडिय़ों का भी काफी स्टॉक मिला। अब इंदौर सहित अन्य शहरों के बड़े बर्तन व्यापारियों के यहां भी वाणिज्य कर की टीम ने छापामार कार्रवाई की है। अभी 27 ठिकानों पर जांच चल रही है और विभाग को उम्मीद है कि यहां भी 2 करोड़ रुपए की कर चोरी उजागर होगी।
अभी पिछले दिनों ही भोपाल आए भारत निर्वाचन आयोग के दल ने राजनीतिक दलों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन और संबंधित विभागों के आला अफसरों की बैठक ली, जिसमें आबकारी, नार्कोटिक्स, आयकर, कस्टम, वाणिज्यकर सहित अन्य को निर्देश दिए कि मतदाताओं को लुभाने और प्रलोभित करने के लिए मुफ्त शराब, साडिय़ों से लेकर अन्य सामग्रियां बांटी जाती है उन पर निगाह रखी जाए और संबंधित व्यापारिक फर्मों पर आशंका होने पर छापे भी मारे जाएं।
पिछले दिनों वाणिज्यकर आयुक्त लोकेश जाटव के निर्देश पर इंदौर, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर सहित अन्य शहरों के गारमेंट व्यापारियों के ठिकानों पर वाणिज्य कर विभाग पहुंचा और बड़ी मात्रा में का भी स्टॉक पाया गया। वहीं मौके पर भौतिक स्टॉक की बजाय कागजी स्टॉक भी कई फर्मों में मिला। उसके पश्चात विभाग ने लगभग ढाई करोड़ रुपए की राशि जमा भी करवाई।
अब उसी कड़ी में कल बर्तन व्यापारियों का नम्बर लगा और 27 ठिकानों पर वाणिज्य कर विभाग ने एक साथ धावा बोला, जिसमें इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, धार, कटनी, सतना के भी व्यापारी शामिल हैं। ये मुख्य रूप से बर्तन के बड़े डीलर हैं, जिनकी फर्मों पर यह कार्रवाई की जा रही है। एडिशनल कमीश्नर वाणिज्य कर रजनी सिंह ने इन छापों की पुष्टि करते हुए बताया कि आज भी जांच-पड़ताल जारी रहेगी और हमें उम्मीद है कि लगभग 2 करोड़ रुपए तक की कर चोरी इन व्यापारिक फर्मों से उजागर करवाई जाएगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि गारमेंट पर जहां 5 और 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है, वहीं बर्तन पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। उसी के मान से कर चोरी की गणना विभाग द्वारा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि अभी एक तरफ विधानसभा चुनाव है, तो दूसरी तरफ दीपावली जैसा बड़ा त्योहार भी सामने है, जिसमें धनतेरस पर बर्तन का भी बड़ा कारोबार इंदौर सहित बड़े शहरों में होता है, जिसके मद्देनजर भी डिलरों ने बड़ी मात्रा में स्टॉक मंगवाकर अपने गोदामों में भरवा लिया है और विभाग को आशंका है कि बड़ी मात्रा में बिना बिल के माल बेचा जाता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved