जबलपुर: जबलपुर (Jabalpur) में एक करोड़ की टैक्स चोरी (one crore tax evasion) का खुलासा होने के बाद कबाड़ कारोबारियों ने सरकारी खाते में राशि जमा करा दी है. जबलपुर में कबाड़ कारोबियों (junk dealers) के ठिकानों पर वाणिज्यिक कर विभाग का एंटी एवेजन ब्यूरो (Anti Evasion Bureau) सर्च की कार्रवाई कर रहा था. मेसर्स आयरा इंटरप्राइजेज, मेसर्स चिश्ती इंटरप्राइजेज और मेसर्स अली ब्रदर्स के खिलाफ सर्च की कार्रवाई सोमवार को पूरी हो गई. कार्रवाई के दौरान तीनों कारोबारियों से एक करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ. कारोबारी स्क्रैप खरीद कर बिना बिल के बेच देते थे. लंबे समय से जारी टैक्स चोरी के खेल को वाणिज्यिक कर विभाग ने अब जाकर पकड़ा.
कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रभारी संयुक्त आयुक्त आर के ठाकुर ने बताया कि एंटी एवेजन ब्यूरो ने 23 दिसंबर को तीन स्क्रैप (कबाड़) फर्म मेसर्स आयरा इंटरप्राइजेज (प्रोपराइटर सैयद आरिफ अली), मेसर्स चिश्ती इंटरप्राइजेज (प्रोपराइटर नौशाद अली), मेसर्स अली ब्रदर्स (प्रोपराइटर नजर अली) पर छापे की कार्रवाई शुरू की थी. कार्रवाई के दौरान दस्तावेजों का परीक्षण किया गया और स्टॉक का तौल धर्मकांटा से कराया गया. मेसर्स आयरा इंटरप्राइजेज ने 24 दिसंबर को 10 लाख 4 हजार 12 रुपए जमा कराए.
दूसरी फर्म मेसर्स चिश्ती इंटरप्राइजेज ने 30 दिसंबर को 33 लाख 90 हजार 963 रुपए की राशि जमा की. तीसरी फर्म मेसर्स अली ब्रदर्स ने 2 जनवरी को 66 लाख 11 हजार 646 रुपए की राशि जमा कराई. इस तरह प्रारंभिक तौर पर कुल 1 करोड़ 10 लाख 6 हजार 621 रुपए की राशि जमा हुई है. कार्रवाई में सहायक आयुक्त राघवेन्द्र सिंह, प्रकाश सिंह बघेल, राजेश्वरी सर्राटी, वंदना सिन्हा, एसटीओ एसपीएस बघेल, एसएम बागरी, आस्था सोनी और बिन्नी धुर्वे की प्रमुख भूमिका रही.
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