नई दिल्ली। टाटा ग्रुप अपने चार अलग-अलग विमान सेवा प्रदाता ब्रान्ड्स को एयर इंडिया लिमिटेड की छतरी के नीचे लाना चाहता है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा है विशाल टाटा ग्रुप अपने लड़खड़ाते विमानन कारोबार को फिर से मजबूती देने की कोशिश में जुटा है।
सूत्रों के अनुसार भारत का सबसे बड़ा समूह विस्तारा ब्रांड को खत्म करने पर भी विचार कर रहा है, जो भारत में सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड की स्थानीय इकाई है और टाटा ग्रुप की सहयोगी है। सूत्रों के अनुसार नाम ना सार्वजनिक करने की शर्त पर कहा गया है कि यह प्लान बहुत निजी है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों में से एक ने कहा है कि सिंगापुर एयरलाइंस संयुक्त इकाई में हिस्सेदारी के आकार का मूल्यांकन कर रही है।
हालांकि टाटा ग्रुप, एयर इंडिया और विस्तारा के प्रतिनिधियों ने इस बारे में किए गए सवालों का अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। वहीं, सिंगापुर एयरलाइंस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि टाटा और एसआईए के बीच बातचीत जारी है। बयान में वही कहा गया है जो 13 अक्तूबर को एक एक्सचेंज फाइलिंग के दौरान कहा गया था। उसके अनुसार, एसआईए और टाटा ग्रुप अपनी साझेदारी को और मजबूत करने पर काम कर रहा है। इसके तहत एयर इंडिया और विस्तारा का विलय हो सकता है।
एयर इंडिया अपने नए मालिक टाटा ग्रुप की अगुवाई में बदलाव की ओर बढ़ रहा है। फुल सर्विस विमान सेवा प्रदाता कंपनी 300 छोटे बॉडी वाले विमानों की खरीदारी पर विचार कर रहा है। अगर इन विमानों की खरीदारी का ऑर्डर दिया जाता है तो यह विमानन उद्योग का अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा। एयर इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव कैंपबेल विल्सन ने पिछले महीने ही कहा था कि विमानन कंपनी अपने 113 विमानों के काफिले को बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में तीन गुना करना चाहता है। उनके विमान काफिले में पतली बॉडी वाले और चौड़ी बॉडी वाले दोनों तरह के एयरक्रॉफ्ट्स होंगे।
एयर इंडिया एक फंडिंग राउंड में कम से कम एक अरब डॉलर जुटाने की तैयारी में भी लगा है। ऐसा हुआ तो कंपनी की वैल्युएशन करीब पांच अरब डाॅलर की हो जाएगी। इस मामले के जानकारों ने बीते सितंबर महीने में इस बात की जानकारी दी थी। एयर इंडिया 25 एयरबस एसई और पांच बोइंग कंपनी के विमानों को अपने बेड़े में दिसंबर तक जोड़ने की योजना पर भी काम कर रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved