नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े औद्योगिक समूह टाटा ग्रुप विवाद सुलझाने के लिए मिस्त्री परिवार की हिस्सेदारी खरीदने को तैयार है। टाटा ग्रुप ने इस विवाद को खत्म करने के लिए ये पहल की है। ज्ञात हो कि टाटा ग्रुप के सबसे बड़े माइनोरिटी स्टेकहोल्डर मिस्त्री परिवार के बीच शेयरों को लेकर पिछले एक साल से कानूनी विवाद चल रहा है।
टाटा सन्स के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह नकदी संकट से जूझ रहे शापूरजी पलौंजी ग्रुप की 18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने को तैयार है। शापूरजी पलौंजी ग्रुप अपने कर्ज के भुगतान के लिए पैसा जुटाना चाहता है। लेकिन, वह अपनी हिस्सेदारी बेचने के बजाय शेयर गिरवी रखकर उधार लेना चाहता है। टाटा समूह को लगता है कि ऐसा करने में जोखिम है। इससे ऐसे निवेशकों के हाथ शेयर लग सकते हैं जो आगे चलकर कंपनी के हितों के खिलाफ काम कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मिस्त्री ग्रुप से कहा है कि वह 28 अक्टूबर तक टाटा समूह को कोई शेयर नहीं बेचेगा और न ही उसे गिरवी रखेगा। ज्ञात हो कि एसपी ग्रुप की मेन होल्डिंग कंपनी शापूरजी पलौंजी एंड कंपनी प्राइवेट पर फरवरी के अंत तक 9280 करोड़ रुपये (1.3 अरब डॉलर) और पूरे ग्रुप पर मार्च 2019 तक 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज था।
उल्लेखनीय है कि शापूरजी पलौंजी ग्रुप पर पलौंजी मिस्त्री और उनके परिवार का नियंत्रण है। टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में इस ग्रुप की 18 फीसदी हिस्सेदारी है। मिस्त्री के बेटे साइरस मिस्त्री को 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। तभी से उनकी टाटा परिवार के साथ विवाद चल रहा है। (एजेंसी, हि.स.)
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