नई दिल्ली: बीते एक साल में शेयर बाजार में काफी अस्थिरता देखने को मिली है. एक रिपोर्ट के अनुसार शेयर बाजार में गिरावट की वजहबीते एक साल में 10 कंपनियों के मार्केट कैप से 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. जिनमें से 5 कंपनियां ऐसी हैं जो निफ्टी का हिस्सा है. इस लिस्ट में सिर्फ अडानी ग्रुप कंपनियों का नाम ही नहीं है बल्कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा ग्रुप की कंपनियों के नाम भी हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन सी 10 कंपनियां हैं जिनके मार्केट कैप में गिरावट की वजह से 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए हैं.
रिलायंस से लेकर टाटा तक सभी का बुरा हाल
रिलायंस का मार्केट कैप पिछले 1 साल में 1.4 लाख करोड़ रुपए की भारी गिरावट आई है. इस अवधि में स्टॉक लगभग 14 फीसदी गिरा है. निफ्टी के 50 शेयरों में से 3 टेक्नोलॉजी सेक्टर के हैं. इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, और विप्रो के मार्केट कैप में इसलिए गिरावट देखने को मिली क्योंकि यूएस और यूरोप में मंदी और बैंकिंग सेक्टर के डूबा है. इंफोसिस का मार्केट कैप 1.6 लाख करोड़ रुपये और टीसीएस का 1.4 लाख करोड़ रुपये कम हो गया. विप्रो का मार्केट कैप करीब 94,000 करोड़ रुपये गिर गया. आईटी की बड़ी कंपनियों के शेयरों में पिछले एक साल में 12-31 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में मोटी गिरावट
इस साल जनवरी के अंत में अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आई थी, जिसकी वजह से अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली. अडानी ग्रीन एनर्जी का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा गिर गया. अदानी टोटल गैस और अदानी ट्रांसमिशन का मार्केट कैप क्रमशः 1.7 लाख करोड़ रुपये और 1.8 लाख करोड़ रुपये कम हो गया. अडानी ग्रुप के शेयरों में पिछले 1 साल में 62-68 फीसदी की गिरावट देखी गई.
इन 10 कंपनियों के मार्केट में बड़ी गिरावट
नायका और वेदांता भी डूबे
इस सूची में शामिल होने वाले दूसरी दो कंपनियों के नाम वेदांता और एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स हैं. नायका ब्रांड की पेरेंट कंपनी एफएसएन के शेयरों मेूं बीते एक साल में 59 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. जिसकी वजह से मार्केट कैप में 51,000 करोड़ रुपये कम हो गई है. इसी तरह, वेदांता के शेयरों में 34 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है और कंपनी का मार्केट कैप 53,700 करोड़ रुपये कम हो गया है.
7 फीसदी से ज्यादा गिरावट आईटी सेक्टर
इंफोसिस और टीसीएस के तिमाही आंकड़ें कमजोर आने और वित्त वर्ष 2024 कम कमाई के अनुमान ने आईटी इंडेक्स को धराशाई कर दिया है. साल 2023 में अब तक आईटी इंडेक्स 7 फीसदी से ज्यादा नीचे आ चुका है. आने वाले दिनों में इसका असर कंपनियों के शेयर और बाजार दोनों में देखने को मिल सकता है. दूसरी ओर वेदांता के शेयरों में और गिरावट देखने को मिल सकती है. जानकारों का कहना है कि कंपनी संकट के दौर से गुजर रही है और कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आ चुकी है. अगर अगले 6 महीनों में ग्रुप अपने कर्ज को कम करने में सफल नहीं होता तो सकंट और गहरा सकता है.
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