नई दिल्ली. टैरिफ (Tariff) को लेकर अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच ठनी हुई है. दोनों देशों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) ने कहा है कि अगर टैरिफ को लेकर बातचीत होनी है तो पहला कदम चीन को ही उठाना होगा.
राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि टैरिफ को लेकर बातचीत कब और कैसे करनी है यह चीन को तय करना है. चीन को हमसे डील करनी होगी. हमें उनसे डील नहीं करनी. चीन और अन्य किसी देश में अंतर है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि चीन, अमेरिकी बाजार पर निर्भर है. हमारे पास जो है, चीन को वह चाहिए. चीन को अमेरिकी उपभोक्ता चाहिए. उन्हें हमारा पैसा चाहिए. व्हाइट हाउस का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब चीन बोइंग को लेकर अमेरिका के साथ एक बड़ी डील से पीछे हट गया है.
बता दें कि इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनका देश डरने वाला नहीं है. बीजिंग में स्पेन के प्रधनामंत्री पेड्रो सांचेज से जिनपिंग ने कहा था कि इस ट्रेड वॉर में जीत किसी की नहीं होगी. दुनिया के खिलाफ जाने से आप खुद ही अलग-थलग पड़ जाएंगे.
उन्होंने कहा था कि 70 सालों में चीन ने खुद अपनी मेहनत के दम पर विकास किया है. हम किसी के दबाव में झुकने वाले नहीं है. जिनपिंग ने यूरोपीय संघ से अमेरिका के इस एकतरफा दादागीरी के खिलाफ एकजुट होने का अनुरोध किया.
शी जिनपिंग ने अमेरिका के साथ बढ़ते ट्रेड वॉर पर चीन और ईयू के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि चीन और यूरोप को अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभानी चाहिए और मिलकर इस एकतरफा दादागीरी का जवाब देना चाहिए.
मालूम हो कि ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका में चीन के उत्पादों पर 125 फीसदी टैरिफ लगाए जाने का ऐलान किया था लेकिन व्हाइट हाउस ने बाद में पुष्टि की थी कि चीन पर फेंटानिल को लेकर पहले लगाए गए 20 फीसदी टैरिफ के साथ चीन पर टैरिफ की दर बढ़कर 145 फीसदी हो गई है.
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